Web Series Review : काली 2 – एक हिरण करती है शेरों का शिकार

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एक बिल्‍ली भी उस समय किसी शेरनी से कम घातक नहीं होती, जब उसने हाल ही में बच्‍चे दिए हों, और आप उन बच्‍चों के पास से गुजर रहे हों। ऐसा स्‍वभाव आप ने दूसरें जानवरों में भी देखा होगा। असल में, मां अपने बच्‍चों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहती है। ऐसी ही एक मां की कहानी है वेब सीरीज ‘काली 2’।

बंगाल की पृष्‍ठभूमि पर रची वेब सीरीज ‘काली 2’ में काली अपने अस्‍वस्‍थ बेटे सनी के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है। काली अपने बेटे सनी के इलाज के लिए पैसे जुटाने के लिए एक ड्रग्‍स कसाइनमेंट को कहीं पहुंचाने का जिम्‍मा लेती है। लेकिन, यह कसाइनमेंट पुलिस के हाथ लग जाता है और इस कसाइनमेंट को पाने के लिए कोलकाता शहर के दो बड़े ड्रग्‍स माफिया सक्रिय हो जाते हैं।

जो इस कसाइनमेंट को पुलिस के चुंगल से निकलवाने के लिए काली का इस्‍तेमाल करने की योजना बनाते हैं। ऐसे में काली के बेटे को स्वप्‍न दा गैंग उठवा लेता है और काली को भी अपने संरक्षण में ले लेता है।

स्‍वप्‍न दा काली के जरिये पुलिस अधिकारी अनिकेत, जो काली का प्रेमी है, से कसाइनमेंट कहां रखा है का पता लगाने की कोशिश में जुट जाता है। उधर, दूसरा ड्रग माफिया जिसका मुखिया जिन लियांग है काली को खोजने के लिए अपनी गतिविधियां शुरू कर देता है।

पुलिस और अपराध सरगनाओं के तैयार किए जंगल में फंसी एक हिरण किस तरह अपनी और अपने बच्‍चे की जान बचाती है को देखने के लिए काली 2 देखनी होगी, जो जी 5 पर रिलीज हो चुकी है।

इस बात में कोई शक नहीं कि रोहन घोष और अरित्रा सेन की निर्देशक जोड़ी ने वेब सीरीज पर जबरदस्‍त काम किया है। हिंदी का बंगाली उच्‍चारण भी शानदार है। फिल्‍म के संवादों पर बेहतरीन काम हुआ है, जो पटकथा को एक नयापन देते हैं। हालांकि, कुछ जगहों पर लगता है कि वेब सीरीज को कुछ समय अधिक खींचने के लिए कुछ सीनों को जबरदस्‍ती पटकथा में डाल दिया गया है, जो थोड़ा सा खटकता है।

अभिनय की बात करें तो काली के किरदार में पाउली दाम का अभिनय काबिले तारीफ है। पुलिस अधिकारी अनिकेत के किरदार में राहुल बनर्जी एकदम सटीक बैठते हैं। पाताल लोक में शानदार अभिनय करने वाले अभिषेक बनर्जी ने काली 2 में भी उम्‍दा अभिनय किया है। चंदन रॉय सन्‍याल ने स्‍वप्‍न दा के किरदार में जान डाल दी है।

यदि निर्माता निर्देशक चाहते तो वेब सीरीज काली 2 में से कुछ अपशब्‍दों और गालियों को बाहर कर सकते थे। लेकिन, फिर भी अन्‍य वेब सीरीजों की तुलना में फिल्‍म में गालियों और अपशब्‍दों का कम इस्‍तेमाल हुआ है। अंतरंग सीनों को भी जबरदस्‍ती घुसेड़ने की हिमाकत नहीं की गई। हालांकि, कुछ सेकंडों का एक बिस्‍तर सीन डाला गया है, जहां पर केवल कलाकारों के अपर भाग ही दिखाई पड़ते हैं।

यद‍ि आपको विद्या बालन अभिनीत फिल्‍म कहानी अच्‍छी लगी थी। यदि आपको टिस्‍का चोपड़ा की होस्‍टेज पसंद आई थी, तो यकीन मानिए, क्राइम सस्‍पेंस थ्रिलर काली 2 भी निराश नहीं करेगी।