इतने बड़े पैमाने पर इतने बड़े बजट के साथ भारत में आज की तारीख में एक फिल्म का निर्माण करना कोई आसान काम नहीं है। बाहुबली 2 का निर्माण निश्चित तौर पर एक चुनौती है।
फिल्म में इस्तेमाल किए गए कंप्यूटर जनित ग्राफिक्स बाहुबली 2 को सरलता से हॉलीवुड की महान फिल्मों जैसे द रिंग्स सीरीज़ और हैरी पॉटर सीरीज के बराबर लाकर खड़ा करते हैं। बाहुबली 2 में कंप्यूटर जनित ग्राफिक्सों का इस्तेमाल काफी बारीकी के साथ किया गया है, जो आश्चर्यजनक झरने, खूबसूरत महिष्मती और विशाल चट्टानों को वास्तविक रूप देने में सक्षम हैं।
बाहुबली 2 की कास्टिंग भी जबरदस्त है, हर कलाकार अपने किरदार में जंचता है। प्रभास और राणा दोनों ही अपने किरदारों में खूब फिट बैठते हैं, हालांकि, राजा भल्लाला के किरदार में राणा अधिक प्रभावशाली लगता है। अदाकारा राम्या कृष्णन सह-भूमिका में होने के बावजूद अपना प्रभाव छोड़ती हैं। इतना ही नहीं, नासिर और सत्यराज अपने अभिनय से क्रमश: अपने किरदारों बिज्जलदेव और कट्टप्पा को जानदार बनाते हैं। कोई भी भारतीय कथाकार पर्दे पर कल्पना करने और लागू करने के मामले में एसएस राजामौली के समीप नहीं पहुंचता।
बाहुबली 2 का हर सीक्वेंस अचंभित करने वाला है, जिसकी तुलना बड़ी आसानी से हॉलीवुड के सर्वश्रेष्ठ कार्य से की जा सकती है। भव्य सेट, वीएफएक्स, ध्वनि, एडिट, सिनेमैटोग्राफी और सबसे महत्वपूर्ण बात, बाहुबली 2 का स्क्रीन प्ले है, जो अद्भुत है।
प्रभास ने अपने कैरियर का सर्वश्रेष्ठ अभिनय किया। राणा दग्गुबती, अनुष्का शेट्टी और तमन्ना शानदार हैं, सत्याराज अद्भुत। अन्य कलाकार भी बेहतरीन प्रदर्शन करने में सफल रहे।
कुल मिलाकर, बाहुबली 2 आपको इस बात पर गर्व महसूस करने के लिए उत्सुक करती है कि भारतीय फिल्मकार इतना बड़ा ख्वाब देखते हैं और उसको पूरा करते हैं। बिलकुल बाहुबली 2 देखने लायक फिल्म है। इसको आज की ब्लॉक बस्टर बनाओ, लेकिन आने वाले कल में, यह आपको एक कलासिक फिल्म के रूप में याद रहेगी।
फिल्म समीक्षक : उमेर संधू, दुबई
अनुवादक : कुमार प्रभात, मुम्बई