Monday, December 23, 2024
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क्‍या आप जानते हैं? अमिताभ बच्‍चन और विनोद खन्‍ना की आत्‍मीयता

समय समय पर मीडिया और सिनेमा प्रेमियों ने अभिनेता विनोद खन्‍ना और अमिताभ बच्‍चन को एक प्रतिद्वंद्वी कलाकार के रूप में पेश किया। हालांकि, रियल लाइफ में दोनों अभिनेताओं अमिताभ बच्‍चन और विनोद खन्‍ना की कहानी कुछ उलट है। यदि ऐसा न होता तो क्‍या अमिताभ बच्‍चन जैसा महानायक विनोद खन्‍ना की मौत की ख़बर सुनते ही अपनी इंटरव्‍यू बीच में छोड़कर भागता।

अमिताभ बच्‍चन की याददाश्‍त काफी तेज है और अमिताभ बच्‍चन अपने मन की बात को सोशल मीडिया के जरिये कहने में अधिक विश्‍वास रखते हैं, और इस आदत ने अमिताभ बच्‍चन को ब्‍लॉगर बना दिया। अभिनेता विनोद खन्‍ना के देहांत के बाद सीनियर बच्‍चन ने एक ब्‍लॉग पोस्‍ट में उन बातों का जिक्र किया, जो दोनों के बीच की आत्‍मीयता को प्रकट करती हैं और विनोद खन्‍ना के अनोखे व्‍यक्‍तित्‍व से रूबरू करवाती हैं।

अमिताभ बच्‍चन ने विनोद खन्‍ना के साथ अपनी पहली मुलाकात का जिक्र करते हुए बोल बच्‍चन पर लिखा, ‘मैंने उसे पहली दफा सुनील दत्त के बांद्रा स्‍थित अजंता आर्ट्स ऑफिस में प्रवेश करते हुए देखा था, जहां मैं नौकरी की तलाश में बैठा हुआ था, खूबसूरत सा नौजवान, मनोहर शारीरिक ढांचे में… एक मनमोहनी अदा से चलते हुए। एक मुस्कुराहट के साथ उसने मेरी ओर देखा। यह 1969 था। वह अजंता कला की फिल्म ‘मन का मीत’ में काम कर रहा था.. और मैं छोटा मोटा सा रोल पाने के लिए संघर्ष कर रहा था।’

बकौल अमिताभ बच्‍चन, दोनों की दूसरी मुलाकात भी अजंता आर्ट्स परिसर में ही हुई, क्‍योंकि दोनों सुनील दत्‍त की फिल्‍म रेश्‍मा और शेरा में साथ काम कर रहे थे। इस दौरान अमिताभ बच्‍चन और विनोद खन्‍ना ने काफी वक्‍त एक साथ गुजारा क्‍योंकि साथ साथ कहानी सुनना, साथ साथ शूटिंग के लिए यात्रा करनी, साथ साथ फिल्‍म के कार्यालय में ट्रायल्‍स करने आदि चल रहा था।

सीनियर बच्‍चन के अनुसार, विनोद खन्‍ना ने कभी भी उन पर स्‍टार की तरह हावी होने की कोशिश की नहीं की। बल्‍कि विनोद खन्‍ना दूसरों के साथ बड़ी विनम्रता से पेश आते थे। विनोद खन्‍ना ने अमिताभ बच्‍चन को उनदिनों अपनी नई खरीदी बीटल वोक्सवैगन में सवारी भी करवाई, जो पीले रंग की थी। विनोद खन्‍ना ताज होटल स्‍थित मुम्‍बई के एकलौते डिस्‍को बार के सदस्‍य थे और वह अमिताभ बच्‍चन को इसमें लेकर गए थे जबकि उस समय अमिताभ बच्‍चन इसके बारे में जानते तक नहीं थे। अमिताभ बच्‍चन और विनोद खन्‍ना गीतांजलि, जो विनोद खन्‍ना की पत्‍नी थीं, को गिटली कहते थे।

सरकार 3 अभिनेता ने अपने ब्‍लॉग बोल बच्‍चन में देर रात शूटिंग खत्‍म होने के बाद विनोद खन्‍ना के साथ जुहू बीच पर आधी को ड्राइव करने, मेकअप रूप में एक साथ समय बिताने, खाना साझा करने, निर्देशकों के साथ बैठकर शराब पीने जैसी बातें भी शेयर की। हालांकि, साथ में अमिताभ बच्‍चन ने लिखा, उन दिनों मैं भी पीता था।

हेरा फेरी अभिनेता अमिताभ बच्‍चन उस बात का जिक्र करना भी नहीं भूले, जो आज भी उनको अपराध बोध से ग्रस्‍त करती है। दरअसल, एक फिल्‍म की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्‍चन को विनोद खन्‍ना की तरफ ग्‍लास फेंकना था और गलती से वो ग्‍लास विनोद खन्‍ना की ठोढ़ी से जा टकराया। इसके कारण अभिनेता विनोद खन्‍ना को दांत तक कट लगा, जिसके बाद टांकने लगवाने पड़े।

इसी पोस्‍ट में अमिताभ बच्‍चन आगे लिखते हैं, ‘उदयपुर के एक होटल में हमारे दोनों के कमरे दूरी पर थे। मैं इस कोने में, और वह उस कोने में। मैं अकेलापन अनुभव कर रहा था। मैंने आधी रात को उन्‍हें कॉल लगाया और इस सूनेपन के बारे में बताया। इस पर उन्‍होंने में मुझे कमरे में आने का आग्रह किया। आप सोच नहीं सकते कि एक नवोदित के साथ एक स्टार का ऐसा विनम्र व्यवहार क्या मायने रखता है।’

अमिताभ बच्‍चन ने अपने ब्‍लॉग में उन दिनों का जिक्र भी किया, जब विनोद खन्‍ना चमक धमक भरी दुनिया छोड़कर रजनीश ओशे की शरण में चले गए थे।

अमिताभ बच्‍चन ने लिखा, ‘एक दिन अचानक उसने रजनीश ओशो की शरण में जाने का निर्णय लिया। वह कैलिफोर्निया चले गए, जहां रजनीश ओशो रहते थे। मैं उन्हें एक बार लॉस एंजिल्स में मिला। इस घंटों लंबी मुलाकात में उन्‍होंने मुझे समझाया कि ये अभियान पूरी दुनिया के लिए क्या मायने रखता है।’

और आज दोपहर यह 48 सालों पुराना साथ खत्म हो गया। यह शख्‍स… शक्‍ति और दया देने वाला यह शरीर, यह दोस्‍त… यह साथी… हमेशा मुस्कुराते रहने वाला व्यक्ति, अस्थिर लेटा हुआ है।

कोई नहीं चल सकता है, जैसा वह चला। खचाखच भरे कमरे में भी उसकी मौजूदगी अद्भुत थी। उसके जैसा.. कोई नहीं.. वो अपनी मौजूदगी के प्रभाव से अपने आस पास को रोशन करता था।

चित्र स्रोत- विनोद खन्‍ना की फिल्‍में, अमिताभ बच्‍चन का ट्विटर खाता

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कुलवंत हैप्‍पी, संपादक और संस्‍थापक फिल्‍मी कैफे | 14 साल से पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय हैं। साल 2004 में दैनिक जागरण से बतौर पत्रकार कैरियर की शुरूआत करने के बाद याहू के पंजाबी समाचार पोर्टल और कई समाचार पत्रों में बतौर उप संपादक, कॉपी संपादक और कंटेंट राइटर के रूप में कार्य किया। अंत 29.01.2016 को मनोरंजक जगत संबंधित ख़बरों को प्रसारित करने के लिए फिल्‍मी कैफे की स्‍थापना की।
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