Friday, November 22, 2024
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Movie Review : राजकुमार राव और बोमन ईरानी की मेड इन चाइना

रॉंग साइड राजू जैसी शानदार गुजराती फिल्‍म का निर्देशन करने वाले मिखिल मुस्‍ले लगभग 3 साल के लंबे अंतराल के बाद बड़े पर्दे पर मेड इन चाइना के साथ लौटे हैं।

रॉंग साइड राजू की तरह ही मिखिल मुस्‍ले और करण व्‍यास द्वारा लिखी मेड इन चाइना में आगे बढ़ने की चाह रखने वाला तिक्‍कड़मबाज और मासूम दिखने वाला रघु उर्फ रघु मेहता। रघु कारोबारी परिवार से है, लेकिन, सामान्‍य जीवन जीता है क्‍योंकि कारोबार में नये नये प्रयोगों के कारण निरंतर घाटे खाने की आदत है।

लेकिन, उसका जिज्ञासु दिमाग और सरल स्‍वभाव उसको एक ऐसा आइडिया देता है, जो उसको कुछ महीनों में सफल उद्यमी बना देता है। लेकिन, सफलता की शिखर से कुछ कदम दूर खड़े रघु के जीवन में सिलसिलेवार दो हादसे होते हैं। एक में रघु की वाइफ उसको छोड़कर चली जाती है।

और दूसरे में एक चीन जनरल की भारत में मौत और उसकी मौत का पहला संदिग्‍ध कारक रघु का तैयार किया उत्‍पाद है। इस मौत पर सीबीआई जांच बैठती है। इसी बीच रॉंग साइड राजू की तरह मिखिल मुस्‍ले और करण व्‍यास अपनी कहानी को विस्‍तार देते हैं, जिसमें रघु की उतार चढ़ाव भरी कारोबारी यात्रा दिखाते हुए सेक्‍स जैसे विषय पर खुलकर चर्चा होती है।

मिखिल मुस्‍ले और करण व्‍यास का रघु इस अंतरराष्‍ट्रीय हत्‍या मामले में बच जाएगा या फंस जाएगा जानने के लिए मेड इन चाइना देखनी होगी।

मिखिल मुस्‍ले की मेड इन चाइना की स्‍टार कास्‍ट एकदम कमाल की है। मुख्‍य किरदार राजकुमार राव से लेकर छोटे से छोटे किरदार चेतन दैया तक। युवा फिल्‍म निर्देशक मिखिल मुस्‍ले ने अपने हम उम्र और उम्रदाज कलाकारों से बेहतर काम लिया है।

अभय चोपड़ा के किरदार में गजराज राव, डॉ. वर्दी के किरदार में बोमन ईरानी, रुकमणि के किरदार में मौनी रॉय, देवराज के किरदार में सुमित व्‍यास ने गजब का काम किया है। परेश रावल की मेहमान भूमिका भी दमदार है।

इंटरवल तक फिल्‍म की कहानी धीमी गति के साथ आगे बढ़ती है ज‍बकि इंटरवल के बाद कहानी की गति जोर पकड़ती है। अंतिम चरण में कहानी दर्शकों को पूरी तरह अपने वश में करती है। इसमें कोई दो राय नहीं कि फिल्‍म का अंत बेहतरीन तरीके से लिखा गया है।

बोमन ईरानी की स्‍पीच वाला सीन और राजकुमार राव व परेश रावल के बीच का संवाद दर्शकों को खुलकर हंसने पर मजबूर करते हैं। बोमन ईरानी के सीन में लेखकों ने शब्‍दों के साथ खूब कबड्डी खेली है, जो दर्शकों मजा भी देती है।

संभोग क्षमता को बढ़ाने की दवा दारू के कारोबार पर आधारित फिल्‍म मेड इन चाइना सेक्‍स के विषय पर खुलकर बात करती है और दर्शकों को इस विषय पर खुलकर बात करने के लिए उकसाती भी है। यहां पर दो अर्थे शब्‍दों का जमकर इस्‍तेमाल किया गया है, और सीधी बातचीत में किताबी भाषा का इस्‍तेमाल किया गया है।

कुल मिलाकर कहें तो मेड इन चाइना मनोरंजक फिल्‍म होने के साथ साथ सेक्‍स जैसे विषय पर खुली चर्चा है।

कुलवंत हैप्‍पी  | filmikafe@gmail.com | Facebook.com/kulwanthappy | Twitter.com/kulwanthappy|

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कुलवंत हैप्‍पी, संपादक और संस्‍थापक फिल्‍मी कैफे | 14 साल से पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय हैं। साल 2004 में दैनिक जागरण से बतौर पत्रकार कैरियर की शुरूआत करने के बाद याहू के पंजाबी समाचार पोर्टल और कई समाचार पत्रों में बतौर उप संपादक, कॉपी संपादक और कंटेंट राइटर के रूप में कार्य किया। अंत 29.01.2016 को मनोरंजक जगत संबंधित ख़बरों को प्रसारित करने के लिए फिल्‍मी कैफे की स्‍थापना की।
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