नवोदित फिल्मकार संजीव शर्मा निर्देशित फिल्म सात उचक्के लंबे संघर्ष और कई कटों के बाद आखिरकर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से प्रमाण पत्र लेकर सिनेमा घरों तक पहुंच ही गई।
संजीव शर्मा ने बॉलीवुड के बेहतरीन कलाकारों को लेकर सात उचक्के फिल्म बनाई है। चलो, आइए जानते हैं कि संजीव शर्मा बेहतरीन कलाकारों के साथ मिलकर एक बेहतरीन फिल्म बनाने में सफल हुए या नहीं।
फिल्म की कहानी एक पागलखाने से शुरू होकर दिल्ली की एक हवेली पर खत्म हो जाती है। फिल्म की कहानी सात उचक्कों के इर्दगिर्द घूमती है, जो छोटी मोटी चोरी चकारी कर जीवन बसर कर रहे हैं। इन सात उचक्कों पर बाज की तरह आंख जमाए हुए एक पुलिस अधिकारी भी है। अचानक पप्पी को एक खजाना लूटने का ख्याल आता है, तो सब उसको हासिल करने में जुट जाते हैं। खजाना मिलेगा या नहीं, इस बात का सवाल तो फिल्म देखने पर ही मिल सकता है।
नवोदित निर्देशक संजीव शर्मा ने बेहतरीन निर्देशन करने की पूरी कोशिश की है। लेकिन, कहीं कहीं पकड़ छूटती हुई नजर आती है, हो सकता है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की हिदायतों के बाद फिल्म संपादन में चीजों को अच्छी तरह से बिठाना मुश्किल हो गया हो। सधे हुए कलाकारों का निर्देशक को अच्छा फायदा हुआ, यह बात भी संजीव शर्मा को स्वीकार करनी होगी।
अभिनय की बात करें तो मनोज बाजपेयी, विजय राज, कै कै मेनन फिल्म की जान हैं। मनोज बाजपेयी को अक्सर गंभीर किरदारों में देखा गया है। लेकिन, इस फिल्म में मनोज बाजपेयी का हास्य पक्ष भी देखने लायक है। विजय राज, कै कै मेनन अपने किरदारों में रम गए। अदिति शर्मा का अभिनय भी काबिले तारीफ है। अनुपम खेर और अनु कपूर अपने अपने किरदारों के अनुकूल अच्छा काम करने में सफल रहे हैं।
फिल्म सात उचक्के का गीत संगीत पहलू बेहतरीन है। फिल्म में छाप तिकल, नीट क्वाटर, साइकिल से छलांग जैसे बेहतरीन गीत हैं। हालांकि, इस फिल्म को कम बजट और किसी बड़े सितारे का नाम न होने के कारण उतना महत्व नहीं मिलेगा, जितने की हकदार है। यदि निर्देशक और लेखक ने गाली गालौच से थोड़ा सा परहेज किया होता तो शायद फिल्म एक बड़ी हिट साबित हो सकती थी। हालांकि, कहानी के अनुसार गाली गालौच डालना अनिवार्य हो जाता है।
यदि आप गाली गालौच सहन कर सकते हैं तो आपके लिए सात उचक्के एक बेहतरीन हास्य फिल्म साबित हो सकती है क्योंकि गाली गालौच को छोड़कर फिल्म का हर पहलू अच्छा है।
हमारी तरफ से फिल्म को तीन स्टार दिए जाते हैं। हालांकि, यह हमारी अपनी राय है, जो सभी पर लागू नहीं होती क्योंकि हर किसी का अपना अपना एक नजरिया होता है।
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