मुम्बई। हाल ही में फिल्म लेखक, कवि और गीतकार जावेद अख़्तर न्यूज चैनल आज तक की ओर से आयोजित एक साहित्य आज तक समागम में उपस्थित हुए। इस दौरान फिल्म लेखक जावेद अख़्तर से वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने विशेष बातचीत की।
इस बातचीत के दौरान जावेद अख़्तर ने कई खूबसूरत किस्से शेयर किए और तीखे बयान तीर भी छोड़े। इसी मंच से जावेद अख़्तर ने अपील की कि फिल्मों को केवल मनोरंजन के लिए देखें, यदि आपको इतिहास में दिलचस्पी है तो इतिहासकारों की किताबों को पढ़ें।
72 वर्षीय जावेद अख़्तर ने योग के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा, ‘यदि मौलवी चाहें तो फतवा जारी कर दें, मैं हर सुबह एक घंटा यह कुफ्र करता हूं।’
खुद को राष्ट्र विरोधी कहते हुए जावेद अख़्तर ने कहा,’यदि किसी सरकार या व्यक्ति विशेष से असहमति रखने वाले को राष्ट्रविरोधी कहा जाता है, तो मैं राष्ट्र विरोधी हूं। वैसे मेरी राष्ट्र के प्रति अपनी वचनबद्धता है, जो किसी सरकार और व्यक्ति विशेष के खिलाफ राय रखने से नहीं बदलती है।’
इस मंच पर फिल्म अभिनेता फरहान अख़्तर के पिता जावेद अख़्तर ने एक खूबसूरत किस्सा सुनाते हुए कहा, ‘मैं किसी का नाम नहीं लूंगा, एक अंग्रेजी चैनल के बहुत बड़े पत्रकार हैं, उनके मन में ख्याल आया कि कुछ हिंदी में भी करना चाहिये। उन्होंने हिंदी में इंटरव्यू लेने शुरू किए, जो शायद बाद में बंद कर दिए गए। और किस्मत से इंटरव्यू देने वाला पहला आदमी मैं ही था। उन्होंने कई सवाल किए, उनकी हिंदी ठीक ठीक थी, वह अटक अटक बोल रहे थे। वह कहना कुछ और चाहते थे, लेकिन, कह कुछ और गए। कहने लगे जावेद साहब आपको इतने अवार्ड्स मिले हैं, इतने रिवॉर्ड्स मिले हैं, तो आपकी कोई आखिरी ख्वाहिश है? असल में वह कहना चाहते थे कि क्या इससे आगे भी कुछ पाने की चाहत रखते हैं? मैंने उनसे पूछा क्या आप इस इंटरव्यू के बाद मुझे फांसी देने वाले हैं।,
इस बातचीत के दौरान जावेद अख़्तर ने अपने संघर्ष के दिनों की दास्तां भी सुनाई और फिल्म पद्मावती को लेकर चल रहे विरोध पर राय रखते हुए कहा कि अकबर की जोधा नाम की कोई पत्नी नहीं थी। लेकिन, अब जोधा अकबर का किस्सा इतना लोकप्रिय हो गया है कि लोग इसको सच समझने लगे हैं। बात आगे बढ़ाते हुए जावेद अख़्तर सलीम अनारकली की तरह पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी की कहानी को भी मनगढ़त कहते हैं।
यहां साहित्य आजतक पर पूरा वीडियो इंटरव्यू सुन सकते हैं