मुम्बई। इस पुरुष प्रधान देश में लड़का किसको नहीं चाहिये। लड़के की चाह में बहूओं की बलि तक दे दी जाती है। लड़का पैदा करने का दबाव हमेशा औरत पर ही बनाया जाता है।
क्या सच में लड़का लड़की पैदा करना एक औरत के वश में होता है? क्या इस मामले में पुरुष जिम्मेदार नहीं होता? ऐसे ही खूबसूरत सवाल का जवाब फिरोज अब्बास खान निर्देशित छह मिनट की फिल्म सेक्स की अदालत में मिलता है।
इस शाॅर्ट फिल्म सेक्स की अदालत मेल चाइल्ड में पत्नी पति तलाक लेना चाहते हैं क्योंकि पत्नी लड़का पैदा करने में असफल रहती है। ऐसे में परिवार समाज का दबाव औरत पर बढ़ने लगता है।
लेकिन, इस अदालत में पहुंचते ही दंपति को पता चलता है कि आखिर दिक्कत कहां आ रही है और क्यों एक महिला एक लड़के को जन्म देने में असफल रहती है। इस सवाल का जवाब जानने के लिए निम्न दिए वीडियो को देखिये और यदि बात समझ में आए, तो और को समझाने के लिए शेयर जरूर करें।