मुम्बई। फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली निर्देशित विवादित फिल्म पद्मावती को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की ओर से शर्तीय हरी झंडी मिल चुकी है। मगर, सोशल मीडिया पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की कार्यवाही का मजाक उड़ाया जा रहा है।
यदि निर्माता निर्देशक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा दिए सुझावों को स्वीकार करते हुए फिल्म पद्मावती को फिर से प्रमाण पत्र के लिए बोर्ड के पास भेजते हैं, तो फिल्म पद्मावती को यूए प्रमाण पत्र मिलने की संभावनाएं हैं।
जानकारी के अनुसार 28 दिसंबर 2017 को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा गठित विशेष समिति की ओर से फिल्म पद्मावती की समीक्षा की गई।
फिल्म समीक्षा के बाद समिति ने समाज और फिल्म निर्माताओं को ध्यान में रखते हुए संतुलित फैसला लिया कि फिल्म पद्मावती के नाम में परिवर्तन किया जाए। नाम परिवर्तन का सुझाव देते हुए फिल्म पद्मावती के लिए नया नाम पद्मावत सुझाया।
साथ ही, फिल्म पद्मावती के लोकप्रिय हो चुके गीत घूमर, जो दीपिका पादुकोण पर फिल्माया गया है, में बदलाव करने को कहा गया है। इसके अलावा फिल्म में तीन चेतावनी नोटिस लगाने की सिफारिश भी की गई है।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि फिल्म पद्मावती में कोई कट नहीं लगाया गया। निर्माताओं को केवल पांच संशोधन करने को कहा गया है। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में फिल्म पद्मावती में 26 कट लगाने की बात कही जा रही थी।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा गठित छह सदस्य समिति में विशेष तौर पर उदयपुर से अरविंद सिंह, डॉ. चंद्रमणि सिंह और जयपुर यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर केके सिंह शामिल हुए।
गौरतलब है कि फिल्म पद्मावती मुख्य भूमिका दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर ने निभायी हैं। फिल्म पद्मावती रचनाकार मलिक मोहम्मद जायसी द्वारा लिखे गए सूफी परंपरा के प्रसिद्ध महाकाव्य पद्मावत से प्रेरित है।
राजपूत करणी सेना महा सचिव सूरज पाल अमू ने एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल पर बहस के दौरान फिल्म निर्माता अशोक पंडित को जवाब देते हुए कहा, ‘हम देख लेंगे, आप कौन होते हैं फिल्म बनाने वाले। आप इतिहास को तोड़ मरोड़ कर परोसेंगे और हम खा लेंगे।’
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से तो फिल्म पद्मावती को हरी झंडी मिल जाएगी। लेकिन, राजपूत करणी सेना और राजपूत समाज की ओर से हरी झंडी मिलना अभी बाकी है। ऐसे में फिल्म पद्मावती का रिलीज होना अभी भी अनिश्चितिता के बादलों तले है।