मुंबई। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के प्रमुख पहलाज निहलानी का कहना है कि सेंसर बोर्ड की कार्य प्रणाली में फिलहाल बिल्कुल भी भष्ट्राचार नहीं है और इससे संबंधित भ्रष्टाचार के मामले उनकी नियुक्ति से पहले के हैं।
पहलाज ने अपनी पत्रिका ‘सोसायटी’ के मुखपृष्ठ के अनावरण के मौके पर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “पहले कार्यदिवस सोमवार से शुक्रवार थे, लेकिन उन्होंने शनिवार और रविवार को भी काम करना शुरू कर दिया है। वे मेरा सहयोग कर रहे हैं और प्रमाणीकरण में विलंब नहीं होने दे रहे। इसलिए मुझे लगता है कि भ्रष्टाचार बिल्कुल भी नहीं है, भ्रष्टाचार शून्य है।”
एक फिल्म के प्रमाणीकरण के लिए रिश्वत के मामले में सीबीएफसी के पूर्व सीईओ राकेश कुमार की गिरफ्तारी जैसी भ्रष्टाचार की घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर पहलाज ने कहा, उनके खिलाफ मामला अभी भी चल रहा है।
यह पूछे जाने पर कि कुमार की तरह ही क्या लोगों ने उन्हें भी रिश्वत देने की कोशिश की, पहलाज ने कहा, “हां, लोग अपनी आदतें नहीं बदलते। उन्हें अपना काम करवाने से मतलब होता है। चाहे वह सही तरीके से हो या गलत तरीके से। लेकिन उद्योग में कुछ ‘अच्छे’ लोग भी हैं जो यह नहीं सोचते कि वे किसे, क्यों और कहां दे रहे हैं। मुझे भी यह मौका मिला था। किसी ने मुझे भी यह पेशकश की थी।” पहलाज ने कहा कि उनके नेतृत्व में फिल्मों के प्रमाणीकरण में कोई देरी नहीं हो रही। (आईएएनएस)