मुंबई। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से फिल्मों को मंजूरी दिलाने में खुद संघर्ष कर चुके फिल्मकार हंसल मेहता का कहना है कि पहलाज निहलानी की फिल्मों की समझ पुरानी हो चुकी है।
भारत में फिल्म सेंसरशिप के मामलों, विशेष रूप से ‘उड़ता पंजाब’ के संबंध में मेहता ने आईएएनएस से कहा, “यह हास्यस्पद है। समस्या यह है कि इसके लिए गलत व्यक्ति को चुना गया है। मैं व्यक्तिगत रूप में पहलाज निहलानी के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन आजकल जो फिल्में बन रहीं हैं, उस लिहाज से पहलाज पिछड़ गए हैं, और ऐसी फिल्में उनकी समझ से परे हैं।”
उन्होंने कहा, “इसके चलते वह जिस तरह के दिशा-निर्देशों की व्याख्या कर रहे हैं, वह हास्यास्पद है।”
बोर्ड ने फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ में से पंजाब के संदर्भ और अपशब्दों सहित कुल 89 कट की मांग की। बाद में पुनरीक्षण समिति ने 89 कट को घटाकर 13 किया। फिलहाल यह मामला बंबई उच्च न्यायालय में अंतिम सुनवाई का इंतजार कर रहा है।
मेहता ने कहा, “मुझे बदलाव की बिल्कुल उम्मीद नहीं दिख रही है। मैं आशा करता हूं कि ‘उड़ता पंजाब’ के साथ न्याय हो ओर यह बिना किसी कट के रिलीज हो।”
-आईएएनएस