मुम्बई। पिछले लंबे समय से केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के दोहरे रवैये को लेकर आलोचनाओं का दौर निरंतर जारी है। ऐसे में अब बोर्ड के पास करण जौहर निर्मित फिल्म ओके जानू जाने वाली है, जो लिव इन रिलेशनशिप पर आधारित है।
इसको लेकर बोर्ड का रवैया किस तरह का रहेगा? जैसे सवाल पर पहलाज निहलानी कहते हैं, ‘ओके जानू के लिए फिल्मकार करण जौहर को सेंसर बोर्ड आने दीजिए। जो सही होगा हम करेंगे।’
फिल्मकार और बोर्ड अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने इस बात पर हैरानी प्रकट की कि अगर वह चुंबन दृश्यों की कांट-छाट नहीं करते हैं, तब उन्हें भ्रष्ट क्यों कहा जाता है?
गौरतलब है कि कुछ लोगों ने सेंसर बोर्ड पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया है और सवाल उठाया है कि जब ‘तमाशा’, ‘ऐ दिल है मुश्किल’ से चुंबन दृश्यों को हटा दिया गया तो फिर ऐसे कई दृश्यों से भरपूर ‘बेफिक्रे’ को लेकर बोर्ड ने ऐसा क्यों नहीं किया गया?
अफवाह है कि इसके लिए पैसों का लेन-देन हुआ है।
पहलाज निहलानी ने हंसते हुए कहा, ‘मैं अगर चुंबन दृश्यों की काट-छांट नहीं करता तो मैं भ्रष्ट हूं, भ्रष्टाचारी और असंस्कारी हूं यानी पहले विकल्प के साथ जा सकता हूं।’
निहलानी ने कहा कि हर फिल्म अपनी खूबियों व कहानी के आधार पर प्रमाणित की जाएगी।
निहलानी के अनुसार ‘ऐ दिल है मुश्किल’ में रणबीर कपूर और ऐश्वर्या बच्चन के बीच चुंबन का दृश्य नहीं था। अनुष्का और रणबीर के बीच के चुंबन दृश्य को इसलिए हटाया गया, क्योंकि यह अनावश्यक रूप से बहुत लंबा था।
निहलानी ने कहा कि पाकिस्तानी कलाकार फवाद खान के कारण ‘ऐ दिल है मुश्किल’ जब मुश्किल में पड़ी थी तो उन्होंने करण जौहर का खुलकर समर्थन किया था। -आईएएनएस