मुम्बई। शुरूआती तीन दिन में 50 करोड़ रुपए के कलेक्शन को पार कर चुकी अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म रुस्तम जॉन अब्राहम को ऑफर हुई थी।
रुस्तम की स्क्रीनिंग के दौरान जॉन अब्राहम ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘हां, मैंने रुस्तम की पटकथा पढ़ी थी, जो मुझे अच्छी भी लगी थी।’
सोच रहेंगे कि यदि अच्छी लगी थी तो की क्यों नहीं? दरअसल, विपुल के शाह कथित तौर पर रुस्तम की कहानी को लेकर अब्बास मस्तान के पास गए, जिन्होंने कहानी पर काफी वर्क किया और इस फिल्म के लिए जॉन अब्राहम को चुना।
गुप्त सूत्रों के अनुसार फिल्म वेल्कम बैक के लिए जॉन अब्राहम को अच्छी फीस मिली। और जॉन अब्राहम चाहते थे कि उनको रुस्तम के लिए भी उतनी ही फीस मिले। बस यहां से कहानी बिगड़ गई।
फिल्म रुस्तम अब्बास मस्तान के हाथों से खिसककर टीनू देसाई के हाथों में आ पहुंची, जो नीरज पांडे से मिले और इस फिल्म के लिए अक्षय कुमार को राजी किया। अक्षय कुमार और नीरज पांडे एक के बाद एक कई फिल्में कर चुके हैं।
यह कहना मुश्किल है कि अब्बास मस्तान से टीनू देसाई तक आई कहानी डीटो है या अलग है। यदि अक्षय कुमार की जगह जॉन अब्राहम होते तो क्या रुस्तम को इतनी लोकप्रियता मिलती?