सिमराव के कुंवर माधव झा और दिल्ली की अमीरजादी रिया सोमानी की मुलाकात दिल्ली के प्रख्यात सेंट स्टीफंस कॉलेज के बास्केटबॉल मैदान में होती है। माधव झा इस कॉलेज में बिहार से दाखिला लेने के लिए पहुंचते हैं और रिया सोमानी भी।
रिया सोमानी को देखकर माधव झा को पहली नजर वाला प्यार हो जाता है। लेकिन, रिया सोमानी माधव झा के प्यार की गहराई को समझ नहीं पाती। अचानक एक दिन दोस्तों की बातों में आकर माधव झा रिया सोमानी के साथ बदसलूकी कर बैठता है, और खूबसूरत रिश्ता टूट जाता है।
हालांकि, फिल्म पटना शहर से शुरू होती है। यहां पर माधव झा की रिया सोमानी कुछ समय के लिए रहने आती है और अचानक एक दिन माधव झा के लिए एक पत्र छोड़कर चल देती है। यहां से कहानी पांच साल पहले उस स्थान पर पहुंचती है, जहां माधव झा रिया सोमानी को पहली नजर में दिल देता है। हर कहानी का खूबसूरत या बदसूरत अंजाम होता है, इस कहानी का भी अंजाम है। मगर, इस कहानी के अंजाम तक पहुंचने के लिए फिल्मकार मोहित सूरी निर्देशित हाफ गर्लफ्रेंड देखनी पड़ेगी।
श्रद्धा कपूर ने रिया सोमानी के किरदार को बड़े अच्छे तरीके से निभाया है। माधव झा के किरदार के लिए अर्जुन कपूर एकदम फिट बैठते हैं। माधव झा के दोस्त के किरदार में विक्रांत मैसी और माधव झा की मां के किरदार में सीमा बिस्वास का अभिनय फिल्म की जान है।
हाफ गर्लफ्रेंड के मामले में मोहित सूरी का निर्देशन एकदम सधा हुआ है। मोहित सूरी ने फिल्म हाफ गर्लफ्रेंड को बोरियत से बचाए रखा है, जो मोहित सूरी हमारी अधूरी कहानी में करने से चूक गए थे। फिल्म के अंदर समय समय पर उत्साह भरने वाले सीन क्रिएट किए। फिल्म में गीत संगीत का उम्दा तरीके से इस्तेमाल किया गया है, जो कहानी को आगे बढ़ाने में मददगार साबित हुआ।
अर्जुन कपूर का न्यूयॉर्क जाने का फैसला और सीमा बिस्वास का रोकना, अर्जुन कपूर और विक्रांत मैसी के बीच सभी सीन, अर्जुन कपूर का होटल में श्रद्धा कपूर को झूठ बोलना और इस पर श्रद्धा कपूर का मुस्कराना, कॉलेज एडमिशन इंटरव्यू, बिल गेट्स के सामने स्वागत स्पीच, होस्टल रूम में श्रद्धा कपूर और अर्जुन कपूर का मिलन जैसे खूबसूरत सीन दर्शकों पर फिल्म की पकड़ को बनाए रखते हैं।
हालांकि, फिल्म हाफ गर्लफ्रेंड में 2 स्टेट्स और आशिकी 2 की छाप मिलेगी क्योंकि 2 स्टेट्स भी चेतन भगत के नॉवेल पर आधारित थी और आशिकी 2 का निर्देशन मोहित सूरी ने किया था। इसके बावजूद भी हाफ गर्लफ्रेंड एक अच्छी मनोरंजक रोमांटिक फिल्म कही जा सकती है।
इस रोमांटिक लव स्टोरी के जरिये घरेलू हिंसा, इंग्लिश न आने के कारण शर्मिंदगी महसूस करना, तलाकशुदा की दूसरी शादी और बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ जैसे मुद्दों को भी उठाया गया है।
मोहित सूरी की हाफ गर्लफ्रेंड को आशिकी सीरीज की फिल्म कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा क्योंकि हाफ गर्लफ्रेंड में आशिकी सीरीज वाला सब कुछ मौजूद है, एक संगीत की दीवानी लड़की, एक सिरफिरा आशिक और मोहब्बत की दर्दे दास्तां। वैसे मोहित सूरी निर्देशित हाफ गर्लफ्रेंड ये इश्क नहीं आसां, इतना तो समझ लीजिये एक आग का दरिया है, और डूब के जाना है को चरितार्थ करती है।
फिल्म हाफ गर्लफ्रेंड 4 स्टार की हकदार है क्योंकि अभिनय, निर्देशन, संगीत और सिनेमेटोग्राफी हर स्तर पर खरी उतरती है।
– कुलवंत हैप्पी Kulwant Happy