Wednesday, November 6, 2024
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Movie Review! ‘पाइरेट्स ऑफ द कैरेबियन…’ अच्‍छी कहानी हंसी मजाक में उड़ी

जॉनी डेप अभिनीत पाइरेट्स ऑफ द कैरेबियन : सालाजार का बदला एक दस वर्षीय बच्‍चे हैनरी टार्नर की एक खोज से शुरू होती है, जो अपने पिता को समुद्री अभिशाप से मुक्‍त करवाना चाहता है।

Johnny Depp in a film still

कहानी नौ वर्ष आगे बढ़ती है और ब्रिटिश रॉयल नेवी में शामिल युवा हैनरी टार्नर की मुलाकात सालाजार से होती है, जो हैनरी टार्नर को कैप्‍टन जैक स्‍पैरो तक उसका मैसेज पहुंचाने का जिम्‍मा सौंपता है। आगे जाकर हैनरी टार्नर की मुलाकात शराबी और कंगाल लुटेरे जैक स्‍पैरो से होती है।

इसी दौरान हैनरी की मुलाकात करीना स्‍मिथ से होती है, जिसको ब्रिटिश साम्राज्य डायन घोषित कर देता है और हैनरी पर गद्दार होने का आरोप है। हैनरी और डायन के साथ जैक स्‍पैरो त्रिशूल की खोज में निकलता है, ताकि सालाजार, जो मुर्दों के समुद्री जहाज का कैप्‍टन है, से बचा जा सके।

क्‍या हैरनी टार्नर अपने पिता से मिल पाता है या नहीं? क्‍या कैप्‍टन सालाजार शराबी और कंगाल कैप्‍टन जैक स्‍पैरो से अपना बदला ले लेता है? जानने के लिए जॉनी डेप अभिनीत पाइरेट्स ऑफ द कैरेबियन : सालाजार का बदला देखिये।

जॉनी डेप अभिनीत पाइरेट्स ऑफ द कैरेबियन : सालाजार का बदला में समुद्र तो है, लेकिन, समुद्री रोमांच नहीं है। कहानी खूबसूरत होने के बावजूद दिल को नहीं छूती। तंत्र मंत्र, शक्‍तियां और रहस्‍य सब कुछ फिल्‍म निर्देशक जोड़ी के पास था। लेकिन, अच्‍छे से इस्‍तेमाल नहीं हुआ।

यदि कहानी का नायक शराबी और कंगाल जैक स्‍पैरो जैसा होगा, तो सालाजार जैसे विलेन को भयानक रूप धारण करने की कोई जरूरत नहीं है। हां, अरशद वारसी को जैक स्‍पैरो की आवाज देते हुए खूब मजा आया होगा क्‍योंकि फिल्‍म के सारे चुटीले वन लाइनर तो जैक स्‍पैरो के हिस्‍से आए हैं। करीना, जो तारों को पढ़ना जानती है, का इस्‍तेमाल फिल्‍म में केवल और केवल धड़कते और कांपते हुए क्‍लीवेज दिखाने के लिए किया गया है।

इसमें कोई दो राय नहीं कि फिल्‍म की कहानी खूबसूरत है। मगर, उसको पर्दे पर उतारने में निर्देशक बुरी तरह फेल हुए हैं। कहानी में कसावट की जरूरत थी। फिल्‍म को हद से अधिक कॉमिक टच देने की कोशिश की गई। फिल्‍म में कहानी भी जैक स्‍पैरो नायक के किरदार में नजर नहीं आता।

जैक स्‍पैरो की हालत मल्लाह के बिना समुद्र में इधर उधर डोलती बेड़ी की तरह है। कभी इस किनारे पर तो कभी उस किनारे पर। सालाजार के किरदार में जेवियर बारदेम थोड़ा सा प्रभावित करते हैं। कैप्‍टन बरबोसा के किरदार में जेफ्री रश भी ठीक ठाक लगते हैं।

पाइरेट्स ऑफ द कैरेबियन : सालाजार का बदला एक हल्‍की फुल्‍की एक्‍शन कॉमेडी फिल्‍म है। इस फिल्‍म को देखते हुए दिमाग खर्च करने की बिलकुल जरूरत नहीं है। आप केवल फिल्‍म के साथ ऐसे बहते हुए चलें जैसे जैक स्‍पैरो कहानी के साथ। हालांकि, जैक स्‍पैरो और दूसरों के वन लाइनर केवल युवाओं को अच्‍छे लगेंगे।

– कुलवंत हैप्‍पी । Kulwant Happy

Kulwant Happy
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कुलवंत हैप्‍पी, संपादक और संस्‍थापक फिल्‍मी कैफे | 14 साल से पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय हैं। साल 2004 में दैनिक जागरण से बतौर पत्रकार कैरियर की शुरूआत करने के बाद याहू के पंजाबी समाचार पोर्टल और कई समाचार पत्रों में बतौर उप संपादक, कॉपी संपादक और कंटेंट राइटर के रूप में कार्य किया। अंत 29.01.2016 को मनोरंजक जगत संबंधित ख़बरों को प्रसारित करने के लिए फिल्‍मी कैफे की स्‍थापना की।
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