अनुराग बासु की जग्गा जासूस देखने के बाद सिनेमा घर से निकलते ही यदि आपके कानों में 3 इडियट्स का दिल छूता मधुर गीत, बहती हवा सा था वो, कहां से आया था वो, छूकर हमारे दिल को, कहां गया उसे ढूंढ़ो, पड़ जाए तो जग्गा जासूस की खूबसूरत कहानी का सुरूर दुगुना हो सकता है।
अनुराग बासु का जग्गा हर बच्चे की तरह अस्पताल में पैदा तो होता है, मगर, अपने घर नहीं जा पाता और अस्पताल को ही अपना घर बना लेता है। जग्गा अस्पताल में अपने मुन्ना भाई की तरह सबके चेहरों पर हंसी लाता है। लेकिन, एक कमजोरी जग्गा को मौन रहने पर मजबूर करती है, उसका हकलाकर बोलना।
अचानक एक दिन जग्गा की जिंदगी में एक शख्स का आगमन होता है, जो जग्गा की जिंदगी बदल देता है और अपने साथ अपने घर ले जाता है। अफसोस, टूटी फ्रूटी का साथ जग्गा को ज्यादा दिनों तक रास नहीं आता। टूटी फ्रूटी जग्गा को एक बोर्डिंग स्कूल में छोड़कर किसी मिशन पर निकल जाता है।
लेकिन, इस दौरान भी टूटी फ्रूटी की ओर से जग्गा को हर जन्मदिवस पर तोहफे के रूप में एक वीडियो कैसेट मिलती रहती है। अचानक एक दिन यह राबता भी टूट जाता है। इस बीच निराश जग्गा को एक आशा की किरण मिलती है और जग्गा निकल पड़ता है, एक साहसिक मिशन पर।
भले ही फिल्मकार अनुराग बासु ने फिल्म का नाम जग्गा जासूस रखा हो, पर, जग्गा जासूस का जग्गा जिज्ञासु है, जासूस नहीं। जग्गा की सिक्स सेंस और कल्पना शक्ति तेज है, जो उसको दूसरों से अलग बनाती है। जग्गा हर उस चीज के बारे में जानना चाहता है, जो उसको अपनी ओर खींचती है। फिल्म जग्गा जासूस की कहानी को सीधे सरल तरीके से कहने की जगह रोचक तरीके से कांट छांट आगे पीछे करते हुए पेश किया गया है।
अनुराग बासु ने अपनी ओपेरा शैली की फिल्म जग्गा जासूस को रोचक बनाए रखने के लिए सिचुएशनल कॉमेडी का जबरदस्त इस्तेमाल किया है। ओपेरा शैली से प्रेरित फिल्म जग्गा जासूस का संगीत, शब्दावली और स्क्रीनप्ले उम्दा है। इस फिल्म को अनुराग बासु की साहसिक छलांग कहना गलत नहीं होगा क्योंकि इस तरह के नये प्रयोग को मसाला फिल्मों के बाजार में करना काफी साहस का काम है।
इस फिल्म के जरिये अनुराग बासु ने काफी विषयों पर बात करने की कोशिश की है, हालांकि, कहानी के केंद्र में हथियारों की तस्करी है। फिल्म जग्गा जासूस का दरवाजे पर नींबू मिर्ची गीत समाज पर चुटकी लेता है।
रणबीर कपूर पूरी फिल्म में प्रभावित करते हैं, विशेषकर हकलाकर बोलने वाले किरदारों में। कैटरीना कैफ को भी अपनी अदाकारी दिखाने का पूरा पूरा मौका मिला है और कैटरीना कैफ ने अपनी क्षमता साबित की है। सस्वता चटर्जी और सौरभ शुक्ला का अभिनय भी बहुत सराहनीय है। ओपेरा शैली की फिल्म होने के कारण फिल्म का संगीत पक्ष मजबूत होना बेहद जरूरी था, जो वास्तव में दिल छूने वाला है। प्रीतम का संगीत और रवि वर्मन की सिनेमेटोग्राफी भी कमाल की है।
फिल्म के अंत में अनुराग बासु सीक्वल की संभावना छोड़ते हैं। हालांकि, यह फिल्म की सफलता पर निर्भर करेगा। यदि फिल्म सफल हो जाती है तो यकीनन अनुराग बासु इसका सीक्वल बनाने के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे।
जग्गा जासूस एक मनोरंजक कॉमिक्स जैसी है, जो एक खूबसूरत बैकग्राउंड के साथ हंसाते हुए और रोमांच बरकरार रखते हुए आगे बढ़ती है।
यदि आप बड़े पर्दे पर कुछ नया देखने के चाहक हैं, तो जग्गा जासूस आपके लिए एक अच्छी फिल्म साबित होगी।