Friday, November 22, 2024
HomeLatest Newsफिल्म समीक्षा : फुकरे रिटर्न्स शुद्ध हास्यपूर्ण और मनोरंजक फिल्म है

फिल्म समीक्षा : फुकरे रिटर्न्स शुद्ध हास्यपूर्ण और मनोरंजक फिल्म है

मृगदीप लांबा की फुकरे रिटर्न्स में चूचा नींद में भोली पंजाबन के साथ प्यार के झूले झूलने के सुनहरे सपने देख रहा है। हनी प्रिया के साथ संबंध में आगे बढ़ने को उत्सुक है। जफर अपनी गर्लफ्रेंड के साथ नये घर में शिफ्ट होने जा रहा है और बेचारा लाली कुछ न कर पाने के कारण उदास मन से बुलेट चमका रहा है।

इनकी खुशनुमा जिंदगी की ऐसी तैसी करने के लिए भोली पंजाबन जेल से रिहा होती है। कंगाल हो चुकी भोली को रिहा करवाने के लिए राजनेता भोली से मोटी रकम की मांग करता है और भोली तैयार हो जाती है। भोली जेल से छूटते ही इन चारों को उठवा लेती है।

और अपना कारोबार को पटरी पर लाने के लिए नए पैंतरे व जुगाड़ अजमाती है और यह पैंतरे भोली पंजाबन के साथ साथ इन चारों को भी नयी मुसीबतों में डाल देते हैं। अब भोली पंजाबन, पंडित जी और चारों फुकरे इन नयी मुसीबतों से किस तरह बाहर निकलते हैं, यह देखने के लिए फुकरे रिटर्न्स देखनी होगी।

साल 2013 में मृगदीप लांबा ने फुकरे निर्देशित की थी, जो स्लीपर हिट साबित हुई थी। यह फिल्म उसी का विस्तार है। फिल्म की शुरूआत में मृगदीप लांबा एक गाने को शामिल करते हैं, जो पहले भाग की कहानी बयान करता है। यह एक अच्छा प्रयोग है और दर्शकों के लिए भी बढ़िया है, जो फुकरे देखने से चूक गए थे।

फिल्म फुकरे रिटर्न्स की कहानी में काफी झोल हैं। इसके बावजूद भी चुटीले संवाद, उम्दा अभिनय और बेहतर संपादन फिल्म को मजेदार बनाकर रखते हैं। शुरूआती हिस्से में अंतराल के आस पास थोड़ा सा ढीलापन महसूस होता है। इसके अलावा फिल्म के अंत को और भी ज्यादा मजबूत और आश्चर्यजनक किया जा सकता था।

पंकज त्रिपाठी और वरुण शर्मा की कॉमिक टाइमिंग गजब की है। दोनों जब जब पर्दे पर आते है, तब तब दर्शक हंसी के ठहाके लगाने पर मजबूर होते हैं। गंभीर और समझदार युवक के किरदार में अली जफर प्रभावित करते हैं। मनचले और जुगाड़बाज युवक के किरदार में सम्राट पु​लकित भी कहीं कहीं प्रभाव छोड़ते हैं। मनजोत और ऋचा चड्ढा का अभिनय ठीक ठाक है।

निर्देशक ने चूजे और पंडित के किरदार को दमदार बनाने के चक्कर में भोली पंजाबन के किरदार पर ध्यान ही नहीं दिया। इस भाग में भोली पंजाबन केवल स्वैग दिखाते हुए नजर आई हैं।

फिल्म का फिल्मांकन बेहतर तरीके से किया गया है। बैकग्राउंड म्यूजिक अच्छा है। फिल्म में गीत संगीत ज्यादा नहीं, जो है, उसकी जरूरत महसूस नहीं होती।

कुल मिलाकर कहा जाए तो मृगदीप लांबा की फुकरे रिटर्न्स युवा सिने प्रेमियों और कॉमेडी के शौकीनों के लिए है। उन दर्शकों को फुकरे रिटर्न्स से दूर रहना चाहिए, जो मनोरंजन के लिए बनी कॉमिक फिल्मों को तार्किक रूप से मजबूत चाहते हैं। फुकरे रिटर्न्स शुद्ध हास्यपूर्ण और मनोरंजक फिल्म है।

समीक्षक/कुलवंत हैप्पी

Kulwant Happy
Kulwant Happyhttps://filmikafe.com
कुलवंत हैप्‍पी, संपादक और संस्‍थापक फिल्‍मी कैफे | 14 साल से पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय हैं। साल 2004 में दैनिक जागरण से बतौर पत्रकार कैरियर की शुरूआत करने के बाद याहू के पंजाबी समाचार पोर्टल और कई समाचार पत्रों में बतौर उप संपादक, कॉपी संपादक और कंटेंट राइटर के रूप में कार्य किया। अंत 29.01.2016 को मनोरंजक जगत संबंधित ख़बरों को प्रसारित करने के लिए फिल्‍मी कैफे की स्‍थापना की।
RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments