Thursday, November 21, 2024
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जन्‍मदिवस विशेष : गुजराती सिनेमा का ध्रुव तारा ‘मल्‍हार ठाकर’

28 जून 1990 को सिद्धपुर में जन्‍मा फिल्‍म अभिनेता मल्‍हार ठाकर गुजराती सिनेमा के आसमान का सबसे चमकदार तारा बन चुका है, महज पांच साल के सक्रिय फिल्‍मी करियर में, हालांकि, मल्‍हार ठाकर ने गुजराती सिनेमा में कदम आठ साल पहले केवी रीते जाइश से रखा था। पर, इस फिल्‍म में मल्‍हार ठाकर का केवल एक सीन ही था, जिसमें मल्‍हार ठाकर को पासपोर्ट ऑफिस में बैठे हुए युवक के रूप में दिखाया गया।

मल्‍हार ठाकर की किस्‍मत का सितारा बुलंदी पर ‘छेल्‍लो दिवस’ से पहुंचा, जो एक मल्‍टीस्‍टारर कॉमेडी फिल्‍म थी और साल 2015 की सबसे बड़ी गुजराती कमर्शियल हिट थी। ‘छेल्‍लो दिवस’ की अपार सफलता के बाद मल्‍हार ठाकर ने एक सक्रिय फिल्‍म अभिनेता की तरह धड़ाधड़ फिल्‍में साइन की। दरअसल, ऐसा गुजराती सिनेमा में बहुत कम देखने को मिलता है और इसी कारण गुजराती अभिनेता स्‍टार लेवल को टच नहीं कर पाते, जिसको मल्‍हार ठाकर ने कर लिया है।

30 वर्षीय अभिनेता मल्‍हार ठाकर की लगातार सक्रियता ने उसको ऐसे स्‍टार अभिनेता के रूप में स्‍थापित कर दिया है, जिसकी मौजूदगी गुजराती सिने प्रेमियों के दिलों में उत्‍सुकता पैदा करती है। मल्‍हार ठाकर की फिल्‍मों के साथ गुजराती सिने प्रेमियों के दिलों में फर्स्‍ट डे फर्स्‍ट शो वाली अवधारणा ने भी बल पकड़ा, जो गुजराती सिनेमा के लिए शुभ संकेत है। इसलिए मल्‍हार ठाकर को यदि गुजराती सिनेमा का ध्रुव तारा कहा जाए, तो अतिकथनी नहीं होगी।

रातोंरात स्‍टार नहीं बना
भले ही छेल्‍लो दिवस ने मल्‍हार ठाकर को ओवरनाइट स्‍टार बना दिया हो। लेकिन, छेल्‍लो दिवस तक आने के लिए मल्‍हार ठाकर ने सालों कड़ी मेहनत की है। ऐसा बिलकुल नहीं कि मल्‍हार ठाकर सीधा फिल्‍म लाइन में आया और पहली ही फिल्‍म से सुपर स्‍टार बन गया। फिल्‍मी कैफे गुजराती के साथ बातचीत करते हुए मल्‍हार ठाकर बताते हैं, ‘मुझे बचपन से अभिनय का शौक था। मैंने बाल नाटकों में काम किया। कॉलेज में पहुंचा तो युवा नाटकों में भाग लिया। मुझे अभिनय के अलावा कुछ समझ नहीं आता था, इसलिए अभिनय की दुनिया में करियर बनाने के लिए मुम्‍बई गया, जहां मैंने बहुत सारे नाटकों में छोटे मोटे रोल किए और मेरा संघर्ष जारी रहा।’

संघर्ष भरे दिन
मल्‍हार ठाकर की पारूल चौधरी के साथ हुई विशेष बातचीत के अनुसार मल्‍हार ठाकर को महाराजा नाम के नाटक में लीड भूमिका मिली थी। इस नाटक में मल्‍हार ठाकर को करसनदास मुलजी का किरदार निभाना था। इस नाटक के लिए लगभग 80-90 दिन तक रिहर्सल हुई और नाटक के केवल 28 शो हुए। नाटक महाराजा की गुजरात में प्रस्‍तुत‍ि होनी बाकी थी। पर, सूरत में हुए नाटक मंचन के बाद बड़ौदा में नाटक को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हुए और नतीजन, नाटक गुजरात के अन्‍य शहरों तक न पहुंच सका और फ्लॉप घोषित हो गया। नाटक की असफलता के कारण मल्‍हार ठाकर को आर्थिक तौर पर भी काफी नुकसान हुआ। मल्‍हार ठाकर का बैंक खाता खाली हो गया। अभिनेता के अनुसार उसके खाते में केवल 240 रुपये बचे थे और मुम्‍बई में गुजारा करने के लिए नाटकों का एडवांस पैसा मांगना शुरू कर दिया था।

बेघर होने की नौबत
अभिनय का शौक मल्‍हार ठाकर को अहमदाबाद से मुम्‍बई ले गया था। मुम्‍बई में जीवन बसर करना आसान नहीं, विशेषकर बाहरी लोगों के लिए। उन दिनों मल्‍हार कॉलेज के साथ साथ नाटक, डांस क्‍लास और अन्‍य गतिविधियां कर रहा था। मल्‍हार मलाड में रहता था। एक दिन अचानक मकान मालिक का शाम में फोन आया। अपनी गत‍िविधियों में व्‍यस्‍त मल्‍हार ने फोन उठाया नहीं और रात को फोन करने का निर्णय लिया। पर, रात को जैसे ही फोन किया, तो मकान मालिक ने तत्‍काल घर खाली करने का ऑर्डर दिया। मल्‍हार ने रात को आकर समान समेटा और अगले दिन रहने कहां जाना है, यह समझ से परे था। इस वक्‍त मल्‍हार ठाकर पूरी तरह टूट चूका था और आंखों में भी आंसू तक आ गए थे क्‍योंकि सुबह सात से रात के ग्‍यारह बजे तक व्‍यस्‍त शेड्यूल में नया घर खोजना संभव नहीं था। इस बीच अभिनेता पौरव शाह मसीहा बन कर आए और उसने मल्‍हार ठाकर को अपना सालों से बंद पड़ा घर मुहैया करवाया और मल्‍हार ने कुछ दिन यहां गुजारे।

सफलता का दौर
साल 2015 मल्‍हार ठाकर के लिए बहुत ही शुभ साबित हुआ। ‘छेल्‍लो दिवस’ की सफलता के बाद मल्‍हार ठाकर को सैंकड़े गुजराती फिल्‍में ऑफर हुईं, जिसमें से मल्‍हार ठाकर की 12 (4 कैमियो रोल वाली फिल्‍में छोड़कर) के करीब फिल्‍में तो रिलीज हो चुकी हैं जबकि 95 फिल्‍मों को मल्‍हार ठाकर ने करने से इंकार किया। 40 से ज्‍यादा फिल्‍मों की स्‍टोरी लाइन छेल्‍लो दिवस जैसी थी और मल्‍हार ठाकर नहीं चाहता था कि उस पर किसी विशेषकर किरदार का ठप्‍पा लगे। कीवे रीते जाइश को अलग रखते हुए, मल्‍हार ठाकर ने अपने पांच साल के सक्रिय फिल्‍मी करियर में अलग अलग शैली की फिल्‍में की हैं। केवल साल 2018 में ही मल्‍हार ठाकर की सात फिल्‍में रिलीज हुईं थी, जिसमें कैमियो रोल वाली तीन फिल्‍में भी शामिल हैं।

मल्‍हार ठाकर की हालिया रिलीज फिल्‍म गोलकेरी थी, जिसको बॉक्‍स ऑफिस पर अच्‍छी प्रतिक्रिया मिली और लॉकडाउन के दौरान फिल्‍म गोलकोरी को प्राइम वीडियो पर रिलीज किया गया। इस फिल्‍म को प्राइम वीडियो ने लगभग एक करोड़ रुपये से ज्‍यादा की कीमत में खरीदा यद‍ि लॉकडाउन न आता तो शायद फिल्‍म गोलकेरी बॉक्‍स ऑफिस पर लंबा समय टिकती।

आने वाली फिल्‍में
मल्‍हार ठाकर की आने वाली फिल्‍मों में सारा भाई, विक्‍कीड़ा नो वरघोड़ो, धुआंदार शामिल हैं, जो इस समय पोस्‍ट प्रोडक्‍शन में हैं जबकि एक अन्‍य फिल्‍म केसरिया की शूटिंग पूरी होना बाकी है, जो लॉकडाउन के कारण अटकी हुई है। संभावना है कि फिल्‍म केसरिया की शूटिंग अगस्‍त में शूरू होगी।

Kulwant Happy
Kulwant Happyhttps://filmikafe.com
कुलवंत हैप्‍पी, संपादक और संस्‍थापक फिल्‍मी कैफे | 14 साल से पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय हैं। साल 2004 में दैनिक जागरण से बतौर पत्रकार कैरियर की शुरूआत करने के बाद याहू के पंजाबी समाचार पोर्टल और कई समाचार पत्रों में बतौर उप संपादक, कॉपी संपादक और कंटेंट राइटर के रूप में कार्य किया। अंत 29.01.2016 को मनोरंजक जगत संबंधित ख़बरों को प्रसारित करने के लिए फिल्‍मी कैफे की स्‍थापना की।
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