यूअर ओनर की कहानी एक ऐसे ईमानदार और सख्त जज के इर्दगिर्द घूमती है, जो अपने बेटे को ‘हिट एंड रन’ केस से दूर रखने के लिए कानून का उल्लंघन करने के साथ साथ अपने कुछ रिश्तों को भी दांव पर लगा देता है और जो पूरे मामले को गलत दिशा में धकेल के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक देता है।
कहानी कुछ यूं है –
बिशन खोसला एक ईमानदार और निष्पक्ष फैसले करने वाला जज है, जो हाईकोर्ट का जज बनने का प्रबल दावेदार है। अचानक उसको पता चलता है कि उसके बेटे की कार से टकराकर कोई बाइक सवार घायल हो गया और उसका बेटा उसको वहीं पर छोड़कर भाग आया। बिशन अपने बेटे अबीर को पुलिस स्टेशन लेकर जाता है। लेकिन, वहां पर बिशन को ख़बरिया चैनल से पता चलता है कि उनकी कार से टकराकर घायल हुआ युवक लुधियाना के सबसे कुख्यात गैंगस्टर मुढ़की का बेटा है, जो इस समय कोमा में है। ख़बर सुनने के बाद बिशन अपना मन बदलता है और पुलिस स्टेशन में कार चोरी की रपट दर्ज करवा देता है।
अपने दोस्त काशी की मदद से कार को ठिकाने लगाने की स्कीम बनाता है। पर, बदकिस्मती से कार समेत हायर किया कार चोर गुडन पुलिस के हत्थे चढ़ जाता है। गैंगस्टर मुढ़की के साथ निकटता रखने वाली एसएचओ किरण मामले में कुछ अधिक दिलचस्पी दिखाने लगती है और बहुत सारी बातें खोसला के खिलाफ जाने लगती हैं।
ऐेसे में खोसला केस से जुड़े हर सबूत को एक एक करके गायब करने लगता है। इस बीच प्रवासी और स्थानीय लोगों के बीच की दुश्मनी(पंजाबी-भैया बिरादरी विवाद)फ्रंट पर आ जाती है। दोनों ओर के गैंगस्टर एक दूसरे के आदमियों को मारने लगते हैं। जेल में बंद कार चोर गुडन मुढ़की के खौफ से घबराने लगता है।
यहां कहानी काफी पेंचदार हो जाती है, पुलिस जेल में बंद गैंगस्टर को शांत रखने के लिए असली दोषी का नाम सामने लाने के लिए एक हफ्ते का समय मांगती है। इधर, जेल में बंद कार चोर कुछ शर्तों पर सरकारी गवाह बनने के लिए तैयार है। उधर, यह बात बिशन को पता चलती है और वे अपने बेटे समेत देश छोड़ने की फिराक में है, पर बेटा बीच रास्ते पिता के खिलाफ ही हो जाता है।
यहां पर सब कुछ बिशन खोसला के खिलाफ जाता नजर आता है, क्या बिशन खोसला अपनी इज्जत और नौकरी बचाने में कामयाब हो पाएगा? जानने के लिए सोनी लिव पर यूअर ओनर देखिए।
निर्देशन से तकनीक तक –
वेब सीरीज यूअर ओनर का निर्देशन ई निवास ने किया है। ई निवास का काम बहुत उम्दा है, क्योंकि उन्होंने हर कलाकार से बेहतरीन काम लिया है। वेब सीरीज का स्क्रीन प्ले शानदार रोमांच और सस्पेंस भरा है, जो अंत तक पकड़े रखता है। इसके अलावा कौशिक दास का संपादन बहुत चुस्त और बिजितेश डे का कैमरा वर्क उम्दा है।
बात कलाकारों की –
जज बिशन खोसला के किरदार में जिम्मी शेरगिल, अबीर के किरदार में पुलकित मकोल, काशी के किरदार में वरुण बडोला, गुडन के किरदार में पराग गुप्ता, पंडित के किरदार में यशपाल शर्मा, एसएचओ किरण के किरदार में मीता वशिष्ट, रुमा पाठक के किरदार में पारुल गुलाटी, हरमन मुढ़की के किरदार में कुंज आनंद और अमृता सिंह के किरदार में तानिया कालड़ा का अभिनय शानदार है।
कुछ और बातें –
वेब सीरीज में अश्लीलता तो नहीं है, लेकिन, कुछ पंजाबी भाषा के अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया है, जो अंग्रेजी में बोले गए होते तो शायद इतने न खटकते। वेब सीरीज यूअर ओनर दिखाती है कि संतान जज की हो या गैंगस्टर की, जान दोनों की ही बहुत अहमियत रखती है। पर, गरीब आदमी की संतान की कीमत कुछ लाख रुपये ही हो सकती है। पिता पुत्र मोह के अलावा वेब सीरीज में पंजाब के अंदर प्रवासी लोगों के साथ होने वाले मतभेद और पुलिस व गैंगस्टरों के बीच के ताममेल को भी इंगित किया गया है।
कुल मिलाकर यूअर ओनर एक बेहतरीन क्राइम सस्पेंस थ्रिलर वेब सीरीज है। यदि आप वेब सीरीज देखने के दीवाने हैं, तो आपको जिम्मी शेरगिल अभिनीत वेब सीरीज यूअर ओनर देखनी चाहिए।
चेतावनी : अंतिम एपिसोड में एक सीन डाला गया है, जो रेप का सीन है, यदि परिवार के साथ हैं, उसको स्किप कर सकते हैं, वो तब आता है, जब बिशन खोसला अपने बेटे अबीर खोसला को एक लॉकेट देते हुए उससे कुछ पूछते हैं, जो उसकी मृत पत्नी से संबंधित हैं।