मुम्बई। साफगोई के लिए जाने जाते मशहूर अभिनेता धर्मेंद्र ने आधुनिक फिल्म जगत के बारे में बेहद बोल्ड बयान दिया है। फिर से यमला पगला दीवाना की शूटिंग में व्यस्त धर्मेंद्र ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में फिल्म जगत को सब्जी मंडी की संज्ञा दी।
एजेंडा आज तक 2017 के मंच पर पत्रकार राजदीप सरदेसाई के एक सवाल का जवाब देते हुए अभिनेता धर्मेंद्र ने कहा, ‘यह इंडस्ट्री नहीं रही, मंडी हो गई है। यह हम आलू गोभी की तरह बिकने लगे हैं। पैसे के लिए कुछ भी करवा लो। तेल मालिश करवा लो। कुछ भी करवा लो। वो वकार (गरिमा, संयम) जो देव आनंद में, दिलीप कुमार में था, साहब वो किस में है। वो एक वकार था। अब तो कहीं भी नाचने चले जाते हैं। गाने चले जाते हैं। यह कोई बात तो नहीं रही सर। पैसा ही हो गया सब कुछ। ज्यादा नहीं कहूंगा।’
इस मंच पर धर्मेंद्र के भीतर का शायर हर सवाल पर बाहर आ रहा था। उर्दू के जानकार अभिनेता धर्मेंद्र ने बहुत सारी बातों को शायरी से बयान किया। कार्यक्रम में मौजूद लोग धर्मेंद्र के शायराना अंदाज को देखकर हैरत में पड़ रहे थे।
फिल्मफेयर लाइफ अचीवमेंट अवार्ड के बारे में बात करते हुए अभिनेता धर्मेंद्र ने कहा, ‘मैं पुरस्कार लेने के लिए नहीं गया था। मैं इसलिए गया था, क्योंकि मुझसे कहा गया था कि मुझे अभिनेता दिलीप कुमार साहब पुरस्कार देने वाले हैं। मुझे बहुत खुशी हुई सुनकर कि दिलीप साहब के हाथों सम्मान मिलेगा। मैं फिल्मफेयर अवार्ड के लिए नहीं, बल्कि दिलीप कुमार के लिए गया था।’
अभिनेता धर्मेंद्र ने आगे कहा, ‘मुझे अवार्ड लेने नहीं आए। अवार्ड लेने का भी तरीका आना चाहिये। उसके लिए आपको काफी दिमाग खर्च करना पड़ता है। और भी बहुत कुछ करना पड़ता है, जो मुझे करना नहीं आया। या मैं करना चाहता नहीं था। नहीं चाहिए साहब! यह अवार्ड क्या कम हैं।’ (सामने बैठे प्रशंसकों की ओर से इशारा करते हुए)।
इस मौके पर धर्मेंद्र ने कहा, ‘यदि मैं उस समय ठान लेता तो किसी को एक इंच आगे नहीं जाने देता। लेकिन, मैंने खुद को कभी उस दौड़ में शामिल नहीं होने दिया। उसके लिए काफी टेढ़ा मेढ़ा होकर निकलना पड़ता है। जो मैंने कभी नहीं बनाए, और नाहीं, आगे कभी करूंगा।’
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