मुम्बई। आॅस्कर 2018 की दौड़ में शामिल अभिनेता राजकुमार राव अभिनीत फिल्म न्यूटन घोषणा के साथ ही सवालों के घेरे में घिर गई है।
फिल्मकार अमित मसुरकर निर्देशित फिल्म न्यूटन को ईरानी फिल्म सीक्रेट बैलेट की कॉपी कहा जा रहा है।
इसके अलावा आॅस्कर की घोषणा के साथ ही केंद्र सरकार की ओर से फिल्म न्यूटन को 1 करोड़ रुपये का अनुदान देने की घोषणा की गई है।
उधर, फिल्म निर्देशक अमित मसुरकर ने एनडीटीवी से विशेष बातचीत में कहा, ‘फिल्म न्यूटन न तो किसी फिल्म से प्रेरित है और ना ही किसी फिल्म का रीमेक है। मैंने कहानी लिखने के बाद ईरानी फिल्म सीक्रेट बैलेट यूट्यूब पर देखी, जब मुझे इस बारे में पता चला, लेकिन, हमारी फिल्म काफी अलग है।’
बता दें कि यूट्यूब पर मौजूद ईरानी फिल्म सीक्रेट बैलेट की कहानी भी फिल्म न्यूटन की तरह चुनाव प्रक्रिया के इर्दगिर्द घूमती है। जहां न्यूटन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए जाते हैं, वहीं, सीक्रेट बैलेट में एक महिला सरकारी कर्मचारी दूरदराज के क्षेत्रों में चुनाव करवाने के लिए जाती है। दोनों के सामने चुनौतियां हैं और दोनों को वहां पर मौजूद सेना के नकारात्मक रवैये का सामना करना पड़ता है।
फिल्म न्यूटन को समीक्षा करते हुए 4 स्टार देने वाले खालिद मोहम्मद ने अपने स्टार बैक लेते हुए कहा, ‘दुखद, फिल्म न्यूटन ईरानी फिल्म सीक्रेट बैलेट के बेहद करीबी है।’
इस सब घटनाक्रम के बीच जो सवाल निकलकर सामने आ रहा है, वो यह है कि क्या आॅस्कर 2018 की दौड़ में किसी अन्य भाषा की फिल्म से मिलती जुलती फिल्म टिक पाएगी? क्या आॅस्कर जूरी न्यूटन को सीक्रेट बैलेट से अलग देख पाएगी?
गौरतलब है कि आॅस्कर की विदेशी भाषा श्रेणी में 60 से अधिक फिल्में शामिल हो चुकी हैं, जिसमें से अंतिम पांच फिल्मों को आॅस्कर की अंतिम दौड़ में रखा जाएगा।