मुम्बई। दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर अभिनीत फिल्म पद्मावती को लेकर चल रहे विवाद में अपना अपना पक्ष रखने के लिए फिल्मकार संजय लीला भंसाली और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी गुरूवार को संसदीय समिति के सामने पेश हुए।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार अनुराग ठाकुर, जो समिति अध्यक्ष हैं, ने संजय लीला भंसाली को जमकर फटकार लगाने की कोशिश की। लेकिन, भारतीय जनता पार्टी के सीनियर नेता एलके आडवाणी, जो समिति सदस्य हैं, ने संजय लीला भंसाली का बचाव किया।
सूत्रों के हवाले में रिपोर्ट में कहा गया है कि मीटिंग के दौरान समिति अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने फिल्मकार संजय लीला भंसाली पर इतिहास से छेड़छाड़ और लोगों की भावनाओं का आहत करने का आरोप लगाया। साथ ही, समिति अध्यक्ष ने फिल्मकार से पूछा कि विदेश में फिल्म रिलीज करने के लिए प्रमाण पत्र का इंतजार करेंगे या नहीं।
और कहा, संजय लीला भंसाली ने 11 नवंबर 2017 को फिल्म केंद्रीय प्रमाणन बोर्ड को सुपुर्द करने के बाद 1 दिसंबर 2017 को रिलीज करने के बारे में किस तरह सोच लिया, जबकि फिल्म को प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए 68 दिनों की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
सूत्रों के अनुसार समिति अध्यक्ष के तल्ख रवैये को देखते हुए वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी ने इस बिंदू पर बीच में बोलते हुए कहा कि फिल्मकार का क्रॉस -एग्जामिनेशन करना मुद्दों में शामिल नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पैनल पहले ही इस मामले में बहुत कुछ परोस चुका है, और इसलिए गैर जरूरी मामले उठाने की जरूरत नहीं है।
अन्य मीडिया रिपोर्टों के अनुसार केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी ने समिति को जानकारी दी कि उन्होंने अभी तक फिल्म नहीं देखी है और फिल्म पद्मावती की स्क्रीनिंग के दौरान कुछ अच्छे इतिहासकारों को पैनल में शामिल किया जाएगा, जिसमें कुछ समय लग सकता है।
इसके अलावा संजय लीला भंसाली ने समिति से कहा कि उनकी फिल्म पद्मावती सूफी कवि मलिक मोहम्मद जायसी की रचना ‘पद्मावत’ पर आधारित काल्पनिक फिल्म है। इस फिल्म को विदेश में भारत के केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद ही रिलीज किया जाएगा।
हालांकि, इस समिति के कुछ सदस्यों ने फिल्म पद्मावती के ट्रेलर पर भी प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है।