मुम्बई। बॉलीवुड के बेहद सफल कोरियोग्राफर और फिल्मकार रेमो डिसूजा ने संघर्ष के दिनों में कुछ रातें रेलवे स्टेशन पर गुजारीं, ताकि परिवार वालों को बुरा ना लगे।
एनडीटीवी इंडिया के साथ विशेष बातचीत के दौरान रेमो डिसूजा ने अपने संघर्ष के दिनों की बात करते हुए खुलासा किया कि जब शुरूआत में उनके पास काम नहीं था, तो वह मुम्बई में एक परिवार के साथ रहते थे। उस परिवार के साथ रेमो डिसूजा लगभग डेढ़ साल रहे।
इस दौरान रेमो डिसूजा को काम नहीं मिल रहा था और परिवार को उनकी बेरोजगारी का पता न चले इसलिए रेमो डिसूजा काम का बहाना बनाकर बांद्रा रेलवे स्टेशन पर कई रातें गुजारते और जब वह घर जाते तो परिवार से कहते कि मैं काम रहा हूं।
जब रेमो डिसूजा को पहली पर काम के बदले 5000 रुपये का चेक मिला तो रेमो डिसूजा ने वो चैक उसी परिवार को दिया, जहां रेमो डिसूजा रहा करते थे। प्रोग्राम के दौरान रेमो डिसूजा ने उस परिवार का शुक्र अदा भी किया।
एक अन्य सवाल के जवाब पर रेमो डिसूजा ने कहा, जब वह फालतू फिल्म बना रहे थे तो आस पास के लोगों ने फालतू फिल्म न बनाने की सलाह दी जबकि पत्नी और वासु भगनानी के विश्वास ने रेमो डिसूजा को आगे बढ़ने में मदद की। फिल्म सफल हुई।