पुणे। बॉलीवुड के ‘मुन्ना भाई’ संजय दत्त अपनी सजा पूरी होने के बाद गुरुवार सुबह यहां यरवदा केंद्रीय कारागार (वाईसीजे) से रिहा हो गए। उन्होंने कहा कि आजादी की राह इतनी आसान नहीं है। संजय दत्त को 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में अवैध हथियार रखने के लिए पांच साल के सश्रम कारावास की सजा दी थी।
उन्हें 1993 में गिरफ्तार किया गया था। वह विचाराधीन कैदी के रूप में पहले ही 18 महीने की सजा काट चुके थे और बाकी बची सजा काटने के लिए मई 2013 में जेल भेज दिए गए थे।
संजय गुरुवार सुबह यरवदा कारागार से बाहर निकले। उनके हाथ में निजी सामान से भरा एक बड़ा सा थैला और फाइल व कागजात वाली एक पॉलीथिन थी। वह नीले रंग की कमीज व जींस पहने हुए थे।
कारागार के मुख्य दरवाजे के पास पहुंचने के बाद उन्होंने अपना थैला जमीन पर रखा और कारागार की छत पर लहरा रहे तिरंगे को सलाम किया। सुबह में रिहाई से पूर्व उन्होंने पुलिस और कारागार के स्टाफ का धन्यवाद किया।
जेल के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उन्हें लेने के लिए पत्नी मान्यता, उनके बच्चे, बहन एवं पूर्व सांसद प्रिया दत्त और उनके वकील, फिल्म निर्देशक राजकुमार हिरानी व हजारों प्रशंसक मौजूद थे। देश-विदेश की मीडिया का भी जमावड़ा लगा हुआ था।
जेल से बाहर आने के बाद वह सीधे पुणे हवाईअड्डे पहुंचे। संजय वहां से मुंबई जाने के लिए चार्टर्ड विमान में सवार हो गए। इस बीच संजय ने मीडिया से छोटी सी बातचीत में कहा, “मैं यहां उनके (प्रशंसक) समर्थन की वजह से हूं। मेरे दोस्तों, आजादी की राह आसान नहीं है।” (आईएएनएस)