मुम्बई। भले ही फिल्म पद्मावत के निर्माता निर्देशक के लिए गुरूवार का दिन अदालत से अच्छी ख़बर लेकर आया है। लेकिन, सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद भी करनी सेना की धमकी और घोषणा फिल्म पद्मावत की रिलीज के लिए चिंता का विषय है।
गुरूवार को देश की सर्वोच्च अदालत ने फिल्म पद्मावत के पक्ष में अहम फैसला सुनाते हुए गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश और हरियाणा की सरकारों की ओर से फिल्म पद्मावत के प्रदर्शन पर लगाए प्रतिबंध पर रोक लगा दी है।
वैसे तो अदालत के फैसले से उपरोक्त राज्यों में फिल्म पद्मावत के रिलीज होने का रास्ता साफ हो चुका है। लेकिन, अदालतीय फैसले पर निराशा प्रकट करते हुए करनी सेना के नेताओं ने मीडिया में बयान जारी करते हुए चेतावनी दी और विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।
राजपूत समाज से जुड़े हुए कुछ लोगों ने रायपुर छत्तीसगढ़ में सरकार को मांग पत्र सौंपते हुए फिल्म पद्मावत के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की है। साथ ही नेताओं ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘यह अंतिम चेतावनी है, उसको इस बार खामियाजा भुगतना पड़ेगा। महारानी पद्मावती हमारी आन बान शान की प्रतीक है और अगर छत्तीसगढ़ में फिल्म लगेगी, तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। जहां पद्मावत चलेगा, वो सिनेमा घर जलेगा।’
करणी सेना नेता सूरज पाल अमू ने कहा, ‘अदालत के फैसले ने कानून में विश्वास रखने वालों को आहत किया है। मेरा संघर्ष जारी रहेगा, चाहे मुझे फांसी पर लटका दो। यदि यह फिल्म रिलीज हुई तो देश टूटेगा।’
ख़बर है कि करनी सेना शुक्रवार को मुम्बई में एक बैठक का आयोजन करने वाली है ताकि आगे के रोष प्रदर्शनों के लिए कोई बड़ी रणनीति तैयार की जा सके। करनी सेना के शीर्ष नेताओं ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यदि फिल्म पद्मावत देखने का मन है तो सिनेमा घर मत जाइए, क्योंकि 25 जनवरी 2018 को जनता का कर्फ्यू लगेगा।