नई दिल्ली। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड पिछले कुछ महीनों से सिने हस्तियों के निशाने पर है। यकीनन, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड इतना विवादों में पहले कभी नहीं रहा है। अब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड पर शर्मिला टैगोर की बेटी और अभिनेत्री सोहा अली खान गुस्से हैं।
जी हां, सोहा अली खान को बोर्ड का कांट छांट करने वाला रवैया अच्छा नहीं लगता है। अभिनेत्री सोहा अली खान का कहना है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को दर्शकों के साथ बच्चों जैसा व्यवहार करना बंद करना चाहिए।
गौरतलब है कि सोहा अली खां की मां शर्मिला टैगोर भी एक समय इस निकाय की प्रमुख रह चुकी हैं। सोहा की फिल्म ’31 अक्टूबर’ को सेंसर बोर्ड से पास होने के लिए संघर्ष करना पड़ा था।
’31 अक्टूबर’ पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के दंगों और उसके परिणाम पर आधारित है। फिल्म के संवेदनशील विषय पर बने होने के कारण इसके निर्माताओं को सीबीएफसी की तरफ से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
एक संवाददाता सम्मेलन में यह पूछे जाने पर कि यह कितना निराशाजनक था, सोहा अली खान ने कहा, “यह निश्चित तौर पर निराशाजनक था। हम कलाकार सेंसरशिप में यकीन नहीं करते। हम प्रमाणन में यकीन करते हैं। मुझे लगता है कि कभी-कभी वे बहुत ज्यादा (दृश्यों में) कांट-छांट कर देते हैं।”
31 अक्टूबर अभिनेत्री सोहा अली खान ने कहा कि बोर्ड दर्शकों के साथ बच्चों जैसा सलूक करता है। यह बेहद निराशाजनक है।
अभिनेत्री का कहना है कि फिल्म के निर्माता व लेखक हैरी सचदेवा के लिए यह फिल्म बेहद खास है। इसीलिए उन्होंने कूटनीतिक रास्ता अपनाया। निर्माता इस बात को लेकर आक्रामक नहीं हुए और धीरे-धीरे वह सेंसर बोर्ड को भरोसा दिलाने में कामयाब रहे।
सोहा अली खान ने कहा कि पहले तो बोर्ड ने 40 कट लगाने के लिए कहा, लेकिन फिर कोई कट नहीं लगाया गया। हैरी सचदेवा ने कहा कि रचनात्मकता में कोई हस्तक्षेप नहीं होनी चाहिए। -आईएएनएस