मुम्बई। जैसा कि हमने अपनी पिछली रिपोर्ट में संभावना जतायी थी कि फिल्म द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर को लेकर विवाद हो सकता है।
इस मामले में एक नया अपडेट सामने आया है, जो इस ओर इशारा कर रहा है कि द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर का बनना मुश्किल है।
दरअसल, असल जीवन पर आधारित किसी भी फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए संबंधित व्यक्तियों से नो ऑब्जेक्शन सर्टीफिकेट लेने की जरूरत पड़ती है।
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वर्ष 2007 में सोनिया गांधी के जीवन पर बनने वाली फिल्म सोनिया भी इस कारण ठंडे बस्ते में पड़ गई थी और हाल ही में रिलीज हुई सरकार 3 को किसी विवाद से बचने के लिए चेतावनी का इस्तेमाल करना पड़ा था।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने भी इसी बात का जिक्र किया कि फिल्म निर्माताओं को द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर को बोर्ड से पास करवाने के लिए जरूरी दस्तावेज देने होंगे, जिनमें संबंधित व्यक्तियों से एनओसी लेना अनिवार्य।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारु की किताब को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है। इसके चलते फिल्म के लिए संबंधित लोगों से एनओसी मिलना मुश्किल है। हो सकता है कि निर्माता निर्देशक इसको यूट्यूब पर रिलीज कर दें।
बता दें कि फिल्म में मनमोहन सिंह की भूमिका अनुपम खेर निभा रहे हैं और फिल्म अगले साल रिलीज करने की बात कही गई है।