Movie Review : कार्तिक, भूमि और अनन्‍या की पति, पत्‍नी और वो

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जो शब्‍द भारतीय समाज और सिनेमा के लिए कभी काफी असहजता भरे हुआ करते थे, वो शब्‍द आज संवादों में ऐसे ठूंसे जा रहे हैं, जैसे मसाले में लहुसन प्‍याज। ऐसा लगता है कि बॉलीवुड निर्देशकों के लिए‍ किसी भी युवती को सिम्‍पल और सीधी सरल दिखाना आउट फैशन हो चला है।

चिंटू त्‍यागी और वेदिका त्रिपाठी की पहली मुलाकात से तो ऐसा ही लगता है। पहली ही मुलाकात वेदिका, चिंटू को अवाक कर देती है, यह कहते हुए, ‘हम को सेक्‍स बहुत पसंद है।’ यहां पर चिंटू त्‍यागी अपनी होने वाली पत्‍नी से उसकी हॉबी के बारे में पूछते हैं।

चिंटू वेदिका की किस बात से खुश होकर शादी के लिए हां कहता है, यह तो निर्देशक ही जाने, लेकिन, चिंटू और वेदिका की शादी फटाफट होती है। शादी के तीन साल बाद चिंटू के जीवन में तपस्‍या आती है। चिंटू घरवाली और बाहरवाली को बराबर खुश रखते हुए अंदर बाहर खेलने की कोशिश करता है। लेकिन, एक दिन वेदिका को चिंटू और तपस्‍या के अफेयर के बारे में पता चल जाता है और वेदिका घर छोड़कर चली जाती है। चिंटू वेदिका को मनाने और घर लाने के लिए जुट जाता है। उधर, तपस्‍या वेदिका के अफेयर की ख़बर चिंटू के करीबियों में ऐसे बांटने लगती है, जैसे सुबह सुबह हॉकर अख़बार।

ऐसे में चिंटू की मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। तपस्‍या चिंटू से प्‍यार करने लगी है और चिंटू वेदिका को पाने के लिए प्रयत्‍न कर रहा है। ऐसे में कहानी किस बिंदू पर जाकर ठहरती है, को देखने के लिए मुदस्सर अजीज की पति पत्‍नी और वो देखिए।

कार्तिक आर्यन ने कुंठाग्रस्त युवक चिंटू त्‍यागी के किरदार को बढ़ि‍या तरीके निभाया है। हालांकि, ऐसे में किरदार में कार्तिक आर्यन को पहले भी पसंद किया जा चुका है। लंबे लंबे संवाद और चिढ़ कर बोलना कार्तिक की पहचान बनता जा रहा है।

बिंदास, बेबाक और वफादार बीवी के किरदार में भूमि पेडनेकर अच्‍छी लगती हैं। हालांकि, भूमि पेड़नेकर के किरदार को बेहतरीन तरीके से गढ़ने की जरूरत महसूस होती है। शहरी और मॉर्डन युवती तपस्‍या के किरदार में अनन्‍या पांडे की खूबसूरती और लुक्‍स दोनों ही गजब लगते हैं। इस फिल्‍म में अपारशक्ति खुराना का अपार अभिनय देखने लायक है। फहीम के किरदार को अपारशक्ति ने बड़ी शिद्दत के साथ निभाया है, जो फिल्‍म की सबसे मजबूत कड़ी है।

निर्देशक मुदस्सर अजीज के पास बेस्‍ट स्‍क्रीन प्‍ले का अवार्ड हासिल कर चुकी संजीव कुमार और विद्या सिन्‍हा अभिनीत फिल्‍म पति पत्‍नी और वो की शानदार कहानी थी। लेकिन, मुदस्‍सर अजीज स्‍क्रीन प्‍ले लिखने में चूकते हुए नजर आए हैं, विशेषकर फर्स्‍ट हाफ में। हालांकि, फिल्‍म का सेकेंड हाफ बेहतरीन तरीके से लिखा गया है। फिल्‍म की सस्‍पेंस भरी क्‍लोजिंग दमदार है।

फिल्‍म के कुछ सीन काफी बेहतरीन रचे गए हैं, विशेषकर कॉमिक सीन, जो ज्‍यादातर अपारशक्ति खुराना के हाथ लगे हैं। कॉमिक सीनों में कार्तिक आर्यन भी प्रभाव छोड़ते हैं। रोमांटिक सीनों में भूमि का रोमांटिक पहलू उभरकर आता है।

फिल्‍म देखते हुए दिमाग में सवाल आ सकते हैं, जैसे कि चिंटू त्‍यागी दूसरा अफेयर क्‍यों कर रहे हैं जबकि चिंटू त्‍यागी की बीवी की पहली पसंद तो सेक्‍स करना ही है। दोनों का जीवन भी कुशल मंगल है। तपस्‍या चिंटू करीब क्‍यों आते हैं जबकि तपस्‍या को या चिंटू को एक दूसरे से पहली नजर वाला प्‍यार भी नहीं होता है। कुछ सीनों में तनु वेड्स मनु रिटर्न्‍स की याद आ सकती है।

वैसे यद‍ि किंतु परंतु को साइड पर रख दिया जाए, तो पति प‍त्‍नी और वो आधुनिक समय के हिसाब से एक हल्‍की फुल्‍की मनोरंजक फिल्‍म है।

कुलवंत हैप्‍पी, संपादक फिल्‍मी कैफे हिंदी