लेटर्स टू जुलियट एक अद्वितीय प्रेम कहानी, जो एक ऐसे अधेड़ उम्र के प्रेमी युगल के मिलन के बारे में है, जो बिछड़ने के 50 साल बाद एक पत्र के कारण मिलता है, जो अलग अलग जीवन साथियों के साथ अपने जीवन को आगे बढ़ा चुका होता है।
लेटर्स टू जूलियट की कहानी एक सॉफी नामक फैक्ट चेकर से शुरू होती है, जो काफी जज्बाती लड़की है, जिसके दिल की जमीन पर प्यार के बीज बिखरे पड़े हैं, बस अकुंरित होने के लिए बारिश की जरूरत है। हालांकि, सॉफी एक युवक के साथ संबंध में है, लेकिन, इस संबंध में आत्मीयता गैरहाजिर है।
एक दिन सॉफी एक जगह कुछ लड़कियों को देखती है, जो कुछ लिख रही हैं और कुछ पत्र पढ़ पढ़कर रो रही हैं। दरअसल, यह एक ऐसा स्थान है, जहां पर लड़कियां जुलियट को पत्र लिखती हैं। और शाम ढले एक युवती इन पत्रों को समेट कर ले जाती है।
सॉफी पत्र एकत्र करने वाली युवती के पीछे पीछे उसके घर पहुंचती है, जहां पर कुछ महिलाएं पत्रों के जवाब लिखने में व्यस्त हैं। सॉफी को उनका काम काफी रोचक और दिलचस्प लगता है। लेखन में दिलचस्पी रखने वाली सॉफी इसका हिस्सा बनने की इच्छा जाहिर करती है। अगले ही दिन सॉफी के हाथ एक पचास साल पुराना पत्र लगता है और इस पत्र का जवाब सॉफी खुद लिखना पसंद करती है।
इस पत्र के कारण सॉफी की मुलाकात क्लेयर से होती है, जो बुजुर्ग महिला है और अपने युवा पोते चार्ली के साथ रहती है, जो सड़क हादसे में अपने मां बाप खो चुका है। सॉफी क्लेयर के साथ मिलकर उनके पुराने प्रेमी लोरेंजो को खोजने की योजना बनाती है, जो चार्ली को बड़ा अजीब सा अनुभव करवाता है। लेकिन, दादी के आगे उस युवक की एक नहीं चलती, नतीजन, सॉफी, क्लेयर और चार्ली ‘लोरेंजो तलाश’ अभियान पर निकलते हैं।
José Rivera और Tim Sullivan की लिखी लेटर्स टू जुलियट कहानी को निर्देशक Gary Winick बड़ी खूबसूरती के साथ अंजाम तक पहुंचाते हैं। Gary Winick युवा अभिनेत्री Amanda Seyfried, जो सॉफी के किरदार में है, की प्रतिभा का शत प्रतिशत दोहन करने में सफल हुए हैं। Amanda Seyfried की नम भरी आंखें, खूबसूरत चेहरा हाव भावों के साथ दिल ओ दिमाग पर छपने लगता है। अभिनेता Christopher Egan ने भी चार्ली के किरदार को दिल से निभाया। अन्य कलाकारों Gael García Bernal, Vanessa Redgrave, Franco Nero का अभिनय भी शानदार है।
Gary Winick की लेटर्स टू जुलियट की खूबसूरत बात यह है कि किरदारों के हावभाव उनकी भावना को व्यक्त करते हैं और पर्दे के इस पार बैठे हुए फिल्म के साथ एक जुड़ाव सा महसूस होता है। ऐसे में फिल्म फिल्म न रहकर एक दिल को छूने वाली कहानी सी लगने लगती है। खासकर चार्ली और सॉफी की मुलाकातों के दौरान, जब चार्ली को सॉफी से प्यार होने लगता है, लेकिन, चार्ली सॉफी से कहने में असमर्थ रहता है। ऐसे में चार्ली के दिल से निकलने वाली प्रेम तरंगें सॉफी का एंटीना पकड़ने लगता है और उसके बाद सॉफी की प्रतिक्रिया सच्ची सी लगती हैं। चाहे चार्ली को रूम से भगाने का सीन हो या लॉन में जाकर उसके साथ लेकर तारे देखने का सीन या रेस्तां में चार्ली की बेबसी पर सॉफी का मूंद मूंद मुस्कराना हो।
कुल मिलाकर कहें तो रोमांस के बादलों से परे इश्क के आसमां पर रहने वाले प्रेम परिंदों के लिए लेटर्स टू जुलियट एक अद्वितीय प्रेम कहानी है।