कहानी जैसी रोमांचक और रहस्य भरी फिल्म का निर्देशन कर चुके फिल्मकार सुजॉय घोष निर्देशित फिल्म बदला स्पैनिश फिल्म ‘द इनविज़िबल गेस्ट’ से प्रेरित है। क्राइम सस्पेंस थ्रिलर फिल्म बदला की कहानी एक कारोबारी और शादीशुदा महिला नैना सेठी के ईदगिर्द घूमती है, जिस पर अपने कथित प्रेमी की हत्या का संदेह है।
नैना सेठी इस मामले से बाहर आने और अपने वैवाहिक जीवन को बचाने के लिए बादल गुप्ता नामक वकील की मदद लेती हैं, जो अपने जीवन में कोई केस नहीं हारा और अंतिम केस भी हारने के मूड में नहीं है, जो नैना सेठी का है।
नैना सेठी और बादल गुप्ता की आपसी बातचीत के दौरान कई रहस्य और भेद खुलकर सामने आते हैं, जो कहानी में दिलचस्पी को बढ़ाते हैं। कुछ उतार चढ़ाव के बाद कहानी एक ठोस और चकित करने वाले मोड़ पर पहुंचती है।
नैना सेठी निर्दोष है या नहीं? बादल गुप्ता अपना अंतिम केस हार जाएंगे या नहीं? जैसे तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए बदला देखनी होगी।
तापसी पन्नु ने कारोबारी महिला नैना सेठी के किरदार को बाखूबी निभाया है। हर फ्रेम में तापसी पन्नु कमाल करती हैं। अमिताभ बच्चन ने वकील बादल गुप्ता के किरदार को पूरी ईमानदारी और गर्मजोशी के साथ अदा किया है।
सुजॉय घोष का सधा हुआ निर्देशन कहानी की तरह बदला को बेहतरीन बनाता है। हालांकि, कहानी का लेवल इससे ज्यादा उंचा लग सकता है क्योंकि कहानी हिन्दी सिनेमा में अपनी तरह का पहला अनुभव था। सुजॉय घोष ने कलाकारों से बेहतरीन काम लिया है। फिल्म का फिल्मांकन और पटकथा दोनों ही उम्दा हैं।
हालांकि, यह फिल्म उन दर्शकों को औसतन लग सकती है, जो इस जॉनर की फिल्मों को लगातार देखते आ रहे हैं और विदेशी सिनेमा में बनी ऐसे विषय की फिल्मों को देख चुके हैं।
फिल्म में गीत संगीत को तरजीह नहीं दी गई, जो एक अच्छी बात कह सकते हैं। सुजॉय घोष की बदला एक बेहतरीन और पैसा वसूल फिल्म है।
— कुलवंत हैप्पी