इश्क-मुश्क जवानी में नहीं, बुढ़ापे में भी हो सकता है, सुपरस्टार हितेन कुमार, काजल ओझा वैद्य, सनी पंचोली, व्योमा नंदी अभिनीत फिल्म तारो थयो हमें बताती है। हम सभी ने अमूमन सिल्वर स्क्रीन पर युवा प्रेम कहानियां देखी हैं, जो शादी पर आकर रुक जाती हैं, या उसके पार जाते ही ‘चलते चलते’ या ‘कभी अलविदा न कहना’ में बदल जाती हैं, पर ‘तारो थयो’ एक अलग प्रकार की प्रेम कहानी है, जो केदार और मिताली की प्रेम कहानी है।

केदार पटेल एक कारोबारी है, और मिताली एक घरेलू महिला। केदार और मिताली नियमित रूप में अपना स्वास्थ्य जांच करवाते हैं। एक सुबह केदार उठता है, और देखता है कि मिताली घर पर नहीं, पहले कभी ऐसा नहीं हुआ।
बेचैन और विचलित केदार मिताली को ढ़ूंढने लगता है। मिताली और केदार अचानक रास्ते में टकराते हैं। मिताली के हाथ में पूजा की थाली है। मिताली मंदिर से लौट रही थी। मिताली, केदार से कहती है कि हमारी हालिया मेडिकल रिपोर्ट्स अच्छी आई थीं, इसलिए मंदिर गई थी।
इस बीच केदार को डॉक्टर का कॉल आता है, और केदार अपना बिजनेस अपने बेटे को सौंपने और मिताली को लेकर अपने हॉलिडे होम रहने जाने का फैसला करता है।
आखिर डॉक्टर केदार को ऐसा क्या कहता है, जिसके कारण केदार अगले ही पल घर छोड़कर हॉलिडे होम में रहने का निर्णय लेता है? जानने के लिए तारो थयो देखिए।
सुपरस्टार हितेन कुमार ने केदार पटेल के किरदार में जान फूंक दी है। हितेन कुमार इस किरदार के लिए एकदम स्टीक पसंद कहे जा सकते हैं। लेखन की दुनिया में प्रख्यात नाम काजल ओझा वैद्य ने खुद के लिखे किरदार मिताली को दिल से निभाया है। सनी पंचोली और व्योमा नंदी क्रमश: आरव और अंतरा के किरदार में जंचते हैं। दोनों ही अच्छे कलाकार हैं। इसके अलावा अन्य कलाकारों का अभिनय भी कहानी को मजबूती देता है। हितु कनोडिया की मेहमान भूमिका फिल्म के लिए एक सरप्राइज एलिमेंट है।
धर्मेश पटेल का निर्देशन और संपादन दोनों ही शानदार हैं। जहां धर्मेश पटेल ने सभी कलाकारों से बेहतर अभिनय करवाया, वहीं संपादन में भी अपना शत प्रतिशत दिया है, ताकि रिटायरमेंट उम्र की प्रेम कहानी दर्शकों को बोरियत से न भरे। फिल्म के संवाद काफी शानदार हैं। भावनात्मक दृश्यों का फिल्मांकन भी काबिलेतारीफ है। अन्य तकनीक पक्ष भी अन्य गुजराती फिल्मों के मुकाबले काफी अच्छे हैं।
तारो थयो एक शानदार प्रेम कहानी है। इसलिए, गुजराती सिनेमा प्रेमियों को नहीं, अन्य सिने प्रेमियों को भी देखनी चाहिए।