Wednesday, November 6, 2024
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Movie Review | द मम्‍मी : बा-कमाल एक्‍शन, रोमांच और पिक्‍चराइजेशन

हॉलीवुड अभिनेता जॉनी डेप अभिनीत पाइरेट्स ऑफ द कैरेबियन : सालाजार का बदला, जो मई 2017 में रिलीज हुई थी, में भी जिंदा और मरे लोगों के बीच युद्ध था और टॉम क्रूज अभिनीत फिल्‍म द मम्‍मी भी जीवत और मृत लोगों के बीच एक लड़ाई पर आधारित है।

फिल्‍मकार एलेक्स कुर्टज़मैन निर्देशित द मम्‍मी प्राचीन मिस्र की राजकुमारी अहमनेत की लालसा पर आधारित है, जो अपने पिता के साम्राज्य को पाना चाहती है। अचानक, उसके पिता के घर बेटा का जन्‍म होने से खेल बिगड़ जाता है। गुस्‍से में आकर अहमनेत अपने पिता, नवजात भाई और अपने पिता की पत्‍नी की हत्‍या कर देती है। अहमनेत अपनी आत्‍मा को मौत के देवता में डालना चाहती है और इसके बदले में उसको मौत का देवता रानी बनाने का वादा करता है।

लेकिन, अहमनेत अपना कार्य पूरा करती, उससे पहले ही अहमनेट को पकड़ लिया जाता है, और उसको जिंदा ताबूत में डालकर मिस्र से मीलों दूर इराक में स्‍थानांतरित कर दिया जाता है। अचानक, इराक के अंदर निक मॉर्टन और उसकी टीम पुरानी चीजों की तलाश में अहमनेत की कब्र से टकरा जाती है।

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इसके बाद कहानी में काफी उतार चढ़ाव आते हैं और अपने कार्य के लिए अहमनेत निक मॉर्टन को चुनती है। क्‍या अहमनेत की ख्‍वाहिश निक मॉर्टन पूरी करता है? क्‍या अहमनेत अपने मंसूबे तक पहुंचने में सफल होती है? यह सब कुछ जानने के लिए द मम्‍मी देखिये।

फिल्‍मकार एलेक्स कुर्टज़मैन ने संवादों पर अधिक समय खर्च नहीं किया। निर्देशक ने पूरा ध्‍यान पिक्‍चराइजेशन पर केंद्रित किया। फिल्‍म को रोमांचक बनाने के लिए ग्राफिक्‍स तकनीक का जमकर इस्‍तेमाल किया। फिल्‍म निर्देशक ने टॉम क्रूज, सोफिया बुटेला, ऐनाबेले वालिस जैसे कलाकारों का बेहतरीन तरीके से इस्‍तेमाल किया। द मम्‍मी शराब के नशे की तरह धीरे धीरे चढ़ती है। फिल्‍म द मम्‍मी के अंत तक फिल्‍मकार दर्शकों को सम्‍मोहित कर लेता है।

सोफिया बुटेला ने राजकुमारी अहमनेत और द मम्‍मी का किरदार बहुत बेहतरीन तरीके से निभाया है। टॉम क्रूज निक मॉर्टन के किरदार के लिए एकदम फिट हैं। जैक जॉनसन, ऐनाबेले वालिस और रस्सेल क्रो का किरदार भी फिल्‍म को सशक्‍त बनाने में कामयाब हुआ है। द मम्‍मी देखते हुए सोफिया बुटेला और जैक जॉनसन का गेटअप कुछ जगहों पर आपको भयभीत कर सकता है।

यदि आप हॉलीवुड की रहस्‍यमय और फंतासी फिल्‍मों को देखना पसंद करते हैं, तो द मम्‍मी आपके लिए एक अच्‍छी फिल्‍म हो सकती है। हालांकि, ए प्रमाण पत्र के साथ भारत में रिलीज हुई द मम्‍मी को वह सिनेमा प्रेमी देखने न जाएं, जो हल्‍के से डरावने सीन देखकर भी डर जाते हैं। फिल्‍म द मम्‍मी में एक्‍शन, पिक्‍चराइजेशन और कल्‍पना काफी अच्‍छी है, जो फिल्‍म को देखने लायक बनाती है।

कुलवंत हैप्‍पी | Kulwant Happy

Kulwant Happy
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कुलवंत हैप्‍पी, संपादक और संस्‍थापक फिल्‍मी कैफे | 14 साल से पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय हैं। साल 2004 में दैनिक जागरण से बतौर पत्रकार कैरियर की शुरूआत करने के बाद याहू के पंजाबी समाचार पोर्टल और कई समाचार पत्रों में बतौर उप संपादक, कॉपी संपादक और कंटेंट राइटर के रूप में कार्य किया। अंत 29.01.2016 को मनोरंजक जगत संबंधित ख़बरों को प्रसारित करने के लिए फिल्‍मी कैफे की स्‍थापना की।
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