कहानियों से ज्यादा किस्से रोचक होते हैं। कहानियां लंबी होती हैं, पर, किस्से छोटे और दिलचस्प होते हैं। यदि निखिल विजय की लिखी वेब सीरीज गुल्लक को देखते हैं, तो कुछ ऐसा ही महसूस होता है। एक मध्यवर्गीय को केंद्र में रख कर निर्मित की वेब सीरीज गुल्लक समग्र भारत के मध्यवर्गीय परिवारों के जीवन का खूबसूरत चित्रण करती है।
मध्यवर्गीय परिवार के खाने में दोहराव आम बात है। गुल्लक की पहली किश्त में इसी का जिक्र किया गया है। बेटा, रसोई में घुसते ही बोलता है, फिर से आलू डालकर पीले चावल बना दिए इन्होंने। मां जवाब देती है, टेहरी बोलते हैं इसे। बेटा जवाब कहता है, डिसपॉइन्ट बोलते हैं इसे। मां बेटे की नोक झोंक के अलावा खेल खेल में मोहल्ले के बच्चों के बीच होने वाली लड़ाई का खूबसूरत विवरण देखने को मिलता है।
दूसरी किश्त हम दो हमारे दो में दो भाईयों के बीच होने वाले लड़ाई झगड़े और मन मुटाव को बड़ी ही संजीदगी के साथ दिखाया गया है, जो मध्यवर्गीय परिवार में आम ही देखे जाते हैं। इस किश्त में वेब सीरीज हकीकत के काफी करीब नजर आती है। बड़े भाई के साथ झगड़ा करने के बाद मां या पिता की सिफारिश से बड़े भाई से काम करवाने वाले सीन दिल को छूते हैं।
महिलाओं के जीवन में रविवार नहीं आता, इस बात को वेब सीरीज की तीसरी किश्त बयान करती है। इस किश्त में परिवार के अन्य परिवार आराम से देर तक सोते हैं। पर, गृहिणी के लिए देर तक सोना संभव नहीं है। एक नींद न पूरी होना और ऊपर से घर में कुछ ख़राब हो जाए, तो गृहिणी के दिमाग की डिस्क तो हिलनी है, जब वो अपनी जिद्द पर आती है, तो परिवार लाइन पर आता है, इसको बड़ी खूबसूरती से दिखाया गया है।
गुल्लक की चौथी किश्त में बेटा स्कूटर लेने की डिमांड रखता है, तो खुशनुमा मूड में बाप बुलेट लाने की बात कह देता है और इसी बीच घर में बत्ती गुल हो जाती है। बिजली जाने के बाद जो इस परिवार में होता है, वो काफी रोमांच भरा है। बेटा स्कूटर लाने के लिए फायदे गिना रहा है, पिता बुलेट लेने की बातें कर रहा है और गृहिणी घरेलू जरूरत की वस्तु पर ध्यान केंद्रित करवा रही है।
गुल्लक का अंतिम और पांचवां किस्सा मिश्रा परिवार में त्योहार के दिन से जुड़ा हुआ है। शांति मिश्रा की तबीयत ठीक नहीं है और शांति मिश्रा की ननद अपने भाई संतोष मिश्रा को रक्षा बंधन पर राखी बांधने के लिए घर आने वाली है और उधर, शांति मिश्रा का बड़ा बेटा एग्जाम में फेल हो गया। यह बात घरवालों को पता न चले या किस तरह बताई जाए को लेकर अन्नु और अमन दोनों भाईयों में बातचीत होती है, जो काफी दिलचस्प है।
मिश्रा परिवार के अलावा गुल्लक में मिश्रा परिवार की पड़ोसन बिट्टू की मम्मी भी है, जो काफी दिलचस्प कैरेक्टर है। इस कैरेक्टर की गैरहाजिरी में इससे जुड़े किस्से भी बड़े रोचक हैं। गुल्लक के संवाद काफी खूबसूरत हैं, जो दिल को छूते हैं। गुल्लक एक संस्कारी मनोरंजक वेब सीरीज है, जिसमें मध्यवर्गीय परिवारों के लाजवाब किस्सों को बड़ी रोचकता के साथ पेश किया गया है। TVF की गुल्लक में जमील खान, गीतांजली कुलकर्णी, सुनीता राजवार, हर्ष मेयर और वैभव राज गुप्त अहम किरदारों में हैं।
इस वेब सीरीज में गुल्लक भी एक कैरेक्टर है, जो मध्यवर्गीय परिवारों के किस्से हम से शेयर करती है। इस गुल्लक को शिवांकित सिंह परिहार ने अपनी आवाज दी है, जो काफी आकर्षक है। गुल्लक के लिए लिखा गया कंटेंट भी काफी बेहतरीन और अच्छा है। इस वेब सीरीज को सोनी लिव या TVF पर देखा जा सकता है।