चैन्ने। जी हां, मद्रास हाईकोर्ट बेंच ने तमिल फिल्म अभिनेता धनुष के पक्ष में अहम फैसला सुनाते हुए दंपति की ओर से दायर की अपील को खारिज कर दिया, जिसमें बुजुर्ग दंपति ने अभिनेता को अपना सगा बेटा बताते हुए 60 हजार रुपये प्रति महीना खर्च देने की मांग की थी।
अदालत ने 21 अप्रैल 2017 को अभिनेता धनुष द्वारा दाखिल की याचिका को स्वीकार करते हुए बुजुर्ग दंपति की ओर से अभिनेता के खिलाफ दायर किए केस को खारिज कर दिया, जो दंपति ने नवंबर 2016 में मेलुर के समीप न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने दाखिल किया था।
जस्टिस पीएन प्रकाश ने खुली अदालत में आदेश के ऑपरेटिव भाग को पढ़ा।
65 वर्षीय आर कातिरेसन और 53 वर्षीय के मीनाक्षी ने अपनी याचिका में अभिनेता धनुष को अपना भागा हुआ बेटा कहा था, जो 11वीं कक्षा की पढ़ाई बीच में छोड़कर अपने अभिनय कौशल को निखारने के लिए 2002 में चैन्ने भाग आया था। दंपति ने अपनी अपील में दावा किया था कि धनुष ने अभिनय में कैरियर बनाने से पहले अपना नाम बदला है।
हालांकि, इस मामले में धनुष ने दंपति के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उसका जन्म आर कृष्णामूर्ति और के विजयलक्ष्मी के घर चैन्ने में 28 जुलाई 1983 को हुआ और उसका जन्म का नाम आरके वेंगदेशा प्रभु था।
हालांकि, अभिनेता धनुष ने स्वीकार किया कि उसके पिता और उसने अपना नाम बदला, जो क्रमश: कस्तूरी राजा और धनुष के राजा हैं। इतना ही नहीं, इसके लिए पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया है।
अभिनेता धनुष ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘मुझे ऐसा लगता है कि कोई व्यक्ति मुझसे धन ऐंठने के लिए इस बुजुर्ग दंपति का इस्तेमाल कर रहा है।’