साराभाई वर्सेस साराभाई में कमाल की कॉमिक टाइमिंग के कारण हरदिल अजीज बन चुकीं अभिनेत्री रूपाली गांगुली सात साल बाद छोटे पर्दे पर वापसी करने जा रही हैं। बिग बॉस के सीजन 6 में प्रतिभागी के तौर पर नजर आ चुकीं रूपाली गांगुली को छोटे पर्दे पर दर्शकों को पिछली बार साल 2013 में कुछ खट्टा कुछ मीठा में देखा था।
अब रूपाली गांगुली की लगभग सात सालों के लंबे समय के बाद ‘अनुपमा’ नाम के शो के साथ टेलीविजन की दुनिया में वापसी हो रही है। यह शो स्टार प्लस और डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर आ रहा है। ये एक मराठी सीरीयल का रीमेक है, जिसमें एक हाउसवाइफ की कहानी दिखाई जाएगी। इस धारावाहिक और अभिनय वापसी को लेकर अनिल बेदाग ने रूपाली गांगुली से विशेष बातचीत की।
इस शो में आप क्या करने वाली हैं?
मैं एक सीधी-साधी महिला की भूमिका में हूं, साथ ही कथक डांसर भी हूं। हालांकि, मेरे इस टैलेंट को कोई महत्व नहीं देता है।
पता चला है कि आपने इस शो के लिए तपते फर्श पर डांस प्रैक्टिस भी की है?
जी हां, अपने किरदार के लिए मैंने अहमदाबाद के सूर्य मंदिर में तपती फर्श पर डांस भी किया। ये शायद सुनने में थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन मुझे नंगे पैर रहना अच्छा लगता है इसलिए मुझे सूर्य मंदिर में नंगे पैर डांस करना भी अच्छा लगा। हालांकि मेरे पैर झुलस गए थे, लेकिन मैंने काफी आनंद लिया, जिससे मुझे दर्द का अहसास नहीं हुआ और लगातार शॉट देती रही। मुझे आशा है कि दर्शकों को मेरा परफॉर्मेस पसंद आएगा।
लॉकडाउन के बाद शूटिंग का अनुभव कैसा रहा?
तीन महीने में मास्क की आदत हो गयी है लेकिन मैंने शूटिंग के वक़्त मास्क नहीं पहना तो एक अजीब सी फीलिंग आ रही है। वैसी वाली फीलिंग्स है जैसे कुछ पहना नहीं है। निर्माता राजनशाही ने सेट पर अधिकतम तैयारियां हो रखी हैं जो एक निर्माता कर सकता है। थर्मल चेकिंग से सेनिटाइज तक। सेट पर थोड़े थोड़े अंतराल पर हमको काढ़ा दिया जाता है। गरम पानी का काउंटर भी है। सबकी पर्सनल चेयर है।
इस शो को करने की क्या वजह रही?
अब मेरा बेटा सात साल का हो गया है इसलिए उसे कुछ घंटों के लिए घर छोड़ सकती थी। दूसरा, अनुपमा का रोल इतना अच्छा था कि मैं मना ही नहीं कर पायी। मेरे पति ने भी मुझे सपोर्ट किया। मेरे लिए मुश्किल यह थी कि मेरी सास 88 साल की है और बेटा 7 साल का। ऐसे में दुविधा यह थी कि कैसे सबको छोड़कर शूट पर जाऊं लेकिन पति ने कहा कि तुम शूट पर जाओ। मैं मैनेज करूँगा।
इसमें मां को कितना महत्व दिया गया है?
देखिए, हम सभी अपनी माँ को टेकेन फ़ॉर ग्रांटेड लेते हैं। हम सभी की ज़िंदगी हमारे मां के इर्द गिर्द ही घूमती है। चोट लगने पर मां को ही पहले याद करते हैं। सभी अपनी मां से बहुत प्यार करते हैं लेकिन ज़िन्दगी की भागदौड़ में उनको प्यार जताना हम भूल जाते हैं। हम अपने काम में बिजी रहते हैं पति,पत्नी,प्रेमी,प्रेमिका का फ़ोन आए तो हम बोलते हैं कि बिजी हैं। बाद में कॉल करेंगे और कॉल करते भी हैं लेकिन मां को हम काल बैक नहीं करते। उनसे प्यार करते हैं लेकिन जता नहीं पाते हैं। मैं एक मां के जरिये इसी बात का अहसास कराना चाहती हूं।
सात साल वापसी पर कैसा महसूस कर रही हैं?
जैसा एक न्यूकमर को महसूस होता है। अब बहुत बदलाव आ गया है। कोरोना महामारी के चलते हालात बदल गए हैं। मेकअप करने का नया तरीका तलाश लिया गया है। मेकअप बहुत अभी चकाचक वाला हो गया है। सबका अपना रूम, कहानी घर घर के वक़्त तो सारे लड़कियां एक कमरे में मेकअप करती थी और सारे लड़के एक कमरे में लेकिन अब ऐसा नहीं है।
निर्माता राजन शाही के बारे में क्या कहना चाहेंगी?
राजन शाही के साथ मैंने अपने टेलीविज़न करियर की शुरुआत 20 साल पहले की थी। वो तो वही हैं। उनका थॉट प्रोसेस भी वही है। इमोशनल लेवल भी वही है। वह हर व्यक्ति का सम्मान करते हैं।