आज बॉलीवुड नेपथ्य में बात करेंगे मंसूर खान निर्देशित फिल्म जो जीता वही सिकंदर और देवन भोजानी की, जो इन दिनों अपनी निर्देशित फिल्म कमांडो 2 के कारण चर्चा में हैं। दरअसल, फिल्म जो जीता वही सिकंदर ने देवन भोजानी का जीवन बदलने में अहम योगदान दिया है।
जी हां, बात उन दिनों की है, जब देवन भोजानी ने ग्रेजुएशन करने के बाद थिएटर और सीए की पढ़ाई जारी रखी हुई थी। और साथ साथ पैसे कमाने के लिए देव एस्टेट एजेंसी शुरू कर ली थी, जो आसान कार्य नहीं था।
अचानक एक दिन मंसूर खान के कार्यालय से देवन भोजानी को कॉल आता है, और देवन भोजानी को फिल्म जो जीता वही सिकंदर ऑफर होती है।
इसके बाद जब देवन भोजानी इस बारे में अपने पिता से बात चीत करते हैं, तो पिता का पहला सवाल होता है कि सीए और देव एस्टेट एजेंसी का क्या होगा? दरअसल, फिल्म शूटिंग के लिए दो महीने उट्टी जाना था।
इसके जवाब में देवन भोजानी अपने पिता से अपने जीवन के दो साल मांगते हैं। पुत्र का अद्भुत साहस देखकर पिता अपने बेटे देवन भोजानी को हां कह देते हैं। इसके बाद देवन भोजानी फिल्म जो जीता वही सिकंदर के साथ एक्टर और सहायक निर्देशक के रूप में जुड़ते हैं।
इसके बाद देवन भोजानी ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। अंत देवन भोजानी की सीए की किताबें रद्दी वाले को और देव एस्टेट का बोर्ड कबाड़ वाले को बेचना पड़ा।
अभिनेता और निर्देशक देवन भोजानी की जिंदगी का यह फलसफा एक बात तो स्पष्ट करता है कि जिंदगी कभी न कभी आपको सुनहरा अवसर जरूर देती है। लेकिन, अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप उस अवसर को पहचानने में कामयाब होते हैं या नहीं।
फिल्मकार और अभिनेता देवन भोजानी अपनी बहुप्रतीक्षित एक्शन फिल्म कमांडो 2 के साथ 3 मार्च 2017 को बड़े पर्दे पर अपने निर्देशन कौशल का जल्वा बिखेरने के लिए तैयार हैं।