पुणे। प्रख्यात फिल्मकार कमल हासन का कहना है कि भारत में ‘कुशल फिल्म संग्रहकर्ताओं का संसाधन बढ़ाने की जरूरत है।’ कमल यहां फिल्म संरक्षण और जीर्णोद्धार कार्यशाला-2016 के सम्मानीय अतिथि थे।
उन्होंने एक बयान में कहा, “हमारे देश के लिए ऐसी कार्यशाला बेहद जरूरी है, जिसने सिनेमाई इतिहास में काफी कुछ खो दिया है। हमें जोशीले फिल्म संग्रहकर्ताओं का संसाधन बढ़ाने की जरूरत है जो सिनेमा की विरासत को बचाने के लिए प्रतिबद्ध हों।”
भारत के अग्रणी फिल्म संग्रहकर्ता और फिल्म विद्वान पी.के. नायर का पिछले सप्ताह निधन हो गया था। नेशनल फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया (एनएफएआई) के संस्थापक के तौर पर उल्लेखनीय काम करने के लिए उन्हें ‘सेल्यूलाइड मैन’ का खिताब दिया गया था। उनके निधन ने भारत में फिल्म संग्रह के काम को अंधेरे में धकेल दिया है।
फिल्म संरक्षण और जीर्णोद्धार का कुछ महत्वपूर्ण काम फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है।
एनएफएआई और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म आर्काइव्स (एफआईएएफ) की सहभागिता में उसकी 10 दिवसीय कार्यशाला में इस क्षेत्र के अग्रणी विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। उन्होंने फिल्म संरक्षण और बहाली से जुड़े वर्तमान मुद्दों पर बात की।
फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन के संस्थापक निदेशक शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर ने कहा, “यह एक महत्पवूर्ण वर्ष रहा है और दूसरी सफल कार्यशाला के साथ हमें कुशल फिल्म संरक्षकों का दल तैयार करने के मिशन को शुरू करना है जो हमारी चलचित्रों की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है।” (आईएएनएस)