फिल्म शान का खलनायक शाकाल हो या अर्थ का इंद्र, अभिनेता कुलभूषण खरबंदा ने दोनों किरदार बड़े पर्दे पर जीवंत ही नहीं किए बल्कि सदैव के लिए अमर कर दिए। खलनायक शाकाल की कुटील मस्कान आज भी सिने प्रेमियों के जेहन में बसती हुई है। और वहीं, फिल्म अर्थ का रोमांटिक सीन जो कुलभूषण खरबंदा और स्मिता पाटिल पर फिल्माया गया बॉलीवुड के सबसे बेहतरीन रोमांटिक सीनों में से एक है।
अभिनेता कुलभूषण खरबंदा का संबंध पाकिस्तान से है। कुलभूषण का जन्म 21 अक्टूबर, 1944 को पाकिस्तान के हसन अब्दल में हुआ। बंटवारे के बाद कुलभूषण खरबंदा परिवार समेत भारत आ गए। अभिनेता कुलभूषण खरबंदा ने जोधपुर, देहरादून, अलीगढ़ और दिल्ली से अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से स्नातक किया।
कुलभूषण ने 1974 से अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत की, जो अभी भी सक्रिय है। हाल में कुलभूषण खरबंदा को सिल्वर स्क्रीन पर अजहर फिल्म में देखा गया था। इसके अलावा यशराज फिल्म्स की सहयोगी कंपनी वाई फिल्म्स की शॉर्ट फिल्म ‘स्कैंडल पॉइंट’ में फरीदा जलाल के साथ रोमांटिक बातें करते हुए नजर आए।
इस अभिनेता की एक खास बात यह है कि कभी इस बात की परवाह नहीं की कि किसी फिल्म में उनकी भूमिका कितनी छोटी है या बड़ी, बस अपने दमदार अभिनय से किरदार में जान डाल देना उनका हुनर है। कुलभूषण खुद को एक चरित्र अभिनेता मानते हैं।
कुलभूषण खरबंदा फिल्म जगत में आने से पहले थिएटर से जुड़े हुए थे। रंगकर्मी के तौर पर कुलभूषण ने अभिनय की शुरूआत 1964 से कर दी थी। सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि कुलभूषण खरबंदा को बचपन से ही किरदारों को अदा करने का शौक था। कुलभूषण चौथी या पांचवीं कक्षा से ही कहानियों को पढ़कर उनके किरदारों में स्वयं को ढालने की कोशिश करने लगे थे।
वर्ष 1974 में कुलभूषण खरबंदा को बॉलीवुड में पहला ब्रेक श्याम बेनेगल ने अपनी फिल्म ‘निशांत’ में दिया। इसमें उनके अभिनय को बेहद सराहा गया। इसे दर्शकों के साथ-साथ समीक्षकों ने भी खूब पसंद किया। इसके बाद जब कुलभूषण बॉलीवुड अभिनेता राज कपूर से मिले तो राज कपूर ने उनसे शिकवा किया कि आप पहले हमारे पास नहीं आए, तो कुलभूषण खरबंदा ने कहा, आपने बुलाया ही नहीं।
कुलभूषण खरबंदा 1986 की फिल्म गुलामी के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीत चुके हैं। अभिनेता कुलभूषण खरबंदा ने माहेश्वरी देवी से विवाह किया।