Sunday, December 8, 2024
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आखिर फिल्‍म ‘लव मैरेज’ की इस हीरोइन को क्‍यों बेचनी पड़ी थी अपनी ज्‍वैलरी

पहाड़ों से आकर समंदर किनारे फिल्‍मी दुनिया में करियर बनाना नहीं था आसान : सलोनी बिस्‍ट
हिंदी में एक कहावत है – ‘जहां चाह, वहां राह’। लेकिन इस कहावत को चरितार्थ करना बेहद चाइलेंजिंग है, जिसे स्‍वीकार किया भोजपुरी सिनेमा की न्‍यू कमर सलोनी बिस्‍ट ने।

सलोनी यूं तो नेपाल के साधारण परिवार से आती हैं। लेकिन वे इन दिनों अपनी रोल मॉडल अक्षरा सिंह के साथ फिल्‍म भोजपुरी फिल्‍म ‘लव मैरेज’ में नजर आने वाली हैं। हालांकि यह उनकी दूसरी फिल्‍म है, लेकिन जानकारों का कहना है कि सलोनी में वो हुनर और काबिलियत है, जिसके बदौलत वे इंडस्‍ट्री में छा जाने वाली हैं।

सलोनी की पहली भोजपुरी फिल्‍म राम अली थी और लव मैरेज उनकी दूसरी फिल्‍म है। लेकिन इससे पहले इंडस्‍ट्री में कदम रखने के लिए क्‍या कुछ नहीं करना पड़ा। सलोनी पहली बार जब नेपाल से चलकर मुंबई आईं और स्‍ट्रगल कर रहीं थी। तब एक वक्‍त ऐसा आया कि उन्‍हें सर्वाइवल के लिए अपनी ज्‍वैलरी तक बेचनी पड़ी। सलोनी के अनुसार,  पहाड़ों (नेपाल) से आकर समंदर किनारे (मुंबई) फिल्‍मी दुनिया में करियर बनाना आसान नहीं था। मुंबई में पहले तीन महीने ट्रेनों में भी इंटरव्यू के सिलसिले में खूब धक्‍के खाये। यह मेरे लिए बेहद निराशाजन‍क था। फिर भी मैंने हार नहीं मानी।
सलोनी ने बताया, ‘ जब मैं दूसरी बार मुंबई आयी तब मेरी मुलाकात मेहंदी लगा के रखना 3 के निर्देशक एम आई राज से हुई, जिन्‍होंने मुझे फिल्‍म में ब्रेक दिया।‘ आज मेरे पास कई फिल्‍में हैं, जिसमें एक ‘लव मैरेज’ भी है।‘ इसमें वे सेकेंड लीड में हैं और अपने शूटिंग के अनुभव को साझा करते हुए उन्‍होंने कहा कि नेपाल से मुंबई आकर शूट करना मेरे लिए बेहद सुखद रहा। यूं कहें की ड्रीम कम ट्रू था। बता दें कि इन दिनों सलोनी के पास हंगामा भईल प्‍यार में, मेंहदी लगा के रखना 3, इश्‍क छलावा और मेरी बीवी की शादी हैं।  
सलोनी कहती हैं कि वे अलग – अलग तरह की अधिक से अधिक फिल्‍में करना चाहती हैं। लेकिन वे कहती हैं जो स्‍टोरी मेरे दिल को छू जायेगी, वे सिर्फ वही फिल्‍में करेंगी। हालांकि उन्‍होंने कभी सोचा नहीं था कि कभी वे एक्‍ट्रेस भी बन पायेंगी। बचपन में उन्‍हें डांस का बेहद शौक था, जिसने उन्‍हें मुंबई की ओर आकर्षित किया और आज वे एक फिल्‍म अभिनेत्री के रूप में उभरी हैं। सही मायनों में देखा जाय तो उनकी जर्नी काफी इंस्‍पायरिंग है।

Kulwant Happy
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कुलवंत हैप्‍पी, संपादक और संस्‍थापक फिल्‍मी कैफे | 14 साल से पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय हैं। साल 2004 में दैनिक जागरण से बतौर पत्रकार कैरियर की शुरूआत करने के बाद याहू के पंजाबी समाचार पोर्टल और कई समाचार पत्रों में बतौर उप संपादक, कॉपी संपादक और कंटेंट राइटर के रूप में कार्य किया। अंत 29.01.2016 को मनोरंजक जगत संबंधित ख़बरों को प्रसारित करने के लिए फिल्‍मी कैफे की स्‍थापना की।
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