इस साल एयरलिफ्ट, हाउसफुल 3 और रुस्तम जैसी तीन सुपर डुपर फिल्म देने वाले अक्षय कुमार आज 09 सितंबर को 49 बसंत देखने के बाद 50वें वर्ष में कदम रखने जा रहे हैं। अपने जीवन का आधा समय हिन्दी सिने जगत देने वाले अक्षय कुमार ने समय समय पर साबित किया है कि बॉलीवुड में अक्षय कुमार से बड़ा खिलाड़ी कोई नहीं है। दिलचस्प बात तो यह है कि अक्षय कुमार का फिल्मी कैरियर हो या राजीव भाटिया का आम जीवन दोनों में उतार चढ़ाव और चुनौतियां हमेशा बरकरार रहीं हैं।
अक्षय कुमार का जन्म राजीव भाटिया के रूप में 9 सितंबर 1967 को दिल्ली के चांदनी चौक स्थिति परांठे वाली गली में हुआ। हालांकि, अक्षय कुमार का परिवार अमृतसर से संबंध रखता है। अक्षय कुमार के पिता अमृतसर के और माता कश्मीर की हैं। अक्षय कुमार अपने परिवार के साथ दिल्ली से मुम्बई आ गए, जब UNICEF में कार्यरत उनके पिता का तबादला मुम्बई हुआ। हालांकि, इससे पहले अक्षय कुमार के पिता आर्मी में थे।
यहां अक्षय कुमार तत्कालीन राजीव भाटिया ने डॉन बोस्को स्कूल में दाखिला लेने की ठानी। कहते हैं कि इस स्कूल में दाखिला मिलना बेहद मुश्किल होता था। मगर, अक्षय कुमार की एक छोटी सी बात ने इसको आसान बना दिया। एक इंटरव्यू में अक्षय कुमार ने कहा, जब वे अपने पिता के साथ डॉन बोस्को स्कूल में दाखिला पाने के लिए गए तो उनकी नजर नीचे पड़े एक कचरे पर पड़ी जिसको उठाकर उन्होंने एक कचरेदान में डाल दिया। इस घटना को स्कूल के प्रिंसिपल देख रहे थे, जो बेहद प्रभावित हुए और उन्होंने अक्षय कुमार के लिए स्कूल के दरवाजे खोल दिए। हालांकि, अक्षय कुमार पढ़ने से अधिक खेल कूद में अधिक रुचि रखते थे।
इस बात पर उनके पिता को गुस्सा भी आता था और वे जानते भी थे कि पढ़ाई के अलावा भी बहुत कुछ होता है जीवन में आगे बढ़ने के लिए। अक्षय कुमार ने गुफ्तगू नामक एक प्रोग्राम के दौरान इरफान के सामने खुलासा किया कि उन्होंने हीरो बनने का कभी ख्वाब तक नहीं देखा था। मगर, अचानक एक दिन जब परीक्षा में उनके नंबर उम्मीद से ही ज्यादा कम आए तो उनके पिता बेहद गुस्से में थे। इस दौरान पिता ने गुस्से में पूछा, जीवन में क्या करोगे तुम, तो अक्षय ने आम युवक की तरह गुस्से में जवाब देते हुए कहा, हीरो बन जाउंगा। हालांकि, उसके बाद अक्षय को हीरो बनने के लिए बैकॉक, ढाका, कोलकाता और दिल्ली मुम्बई का एक लम्बा सफर तय करना पड़ा, जिसके दौरान अक्षय ने रेस्टोरेंट, ट्रैवेल एजेंसी और कर्राटे सिखाने आदि काम किया।
राजीव भाटिया से अक्षय कुमार होने के पीछे कोई ज्योतिषीय मिथक या अन्य कारण नहीं था। अचानक एक दिन राजीव भाटिया ने अपने पुराने नाम को नया नाम देने की सोची, जो कुछ पलों में तय हुआ। राजीव भाटिया ने अपने पिता से कहा, मैं अपना नाम बदल रहा हूं। पिता ने कहा, तुम हमारे के लिए सदैव राजीव ही रहोगे। किस्मत देखो कि उधर अक्षय कुमार ने नाम बदला और इधर अक्षय कुमार को पहली फिल्म के लिए प्रस्ताव मिल गया। वैसे भी अक्षय कुमार मानते हैं कि उनकी सफलता के पीछे 70 फीसद हाथ उनकी किस्मत का है।
फर्नीचर के विज्ञापन से मॉडलिंग शुरू करने वाले अक्षय कुमार के लिए बॉलीवुड के दरवाजे उस समय खुले जब प्रमोद चक्रवर्ती ने अक्षय कुमार को तीन फिल्मों के लिए साइन करते हुए 5001 रुपये का चैक उनके हाथ पर रखा। हालांकि, अक्षय कुमार को पहले विज्ञापन के लिए 21000 रुपये मिले थे, जिसने अक्षय कुमार को मॉडल बनने और स्टूडियो स्टूडियो जाने के लिए विवश कर दिया था।
अक्षय कुमार इंटरव्यू में खुलासा करते हैं कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे बॉलीवुड के पहले सुपर स्टार की बेटी ट्विंकल खन्ना से शादी करेंगे। हालांकि, संघर्ष के दिनों में अक्षय कुमार राजेश खन्ना के दफ्तर के चक्कर जरूर लगाते थे कि किसी फिल्म में रोल मिल जाए। ट्विकंल खन्ना से पहले अक्षय कुमार के जीवन में रवीना टंडन और शिल्पा शेट्टी की जगह थी, जो अक्षय कुमार ने रजत शर्मा के शो आपकी अदालत में स्वीकार किया। अक्षय कुमार को बॉलीवुड में एक समय Casanova के तौर पर भी देखा जाता था। मगर, ट्विकंल खन्ना से शादी करने के बाद अक्षय कुमार की पुरानी इमेज कहीं खो गई और एक नये अक्षय कुमार का उदय हुआ। भले ही समय समय पर अक्षय कुमार का नाम प्रियंका चोपड़ा या कैटरीना कैफ से जुड़ा। मगर, अक्षय कुमार इस बात को निराधार बताते हैं।
अक्षय कुमार ने हर साल एक साथ कई फिल्मों में काम किया, जिसके कारण हिट फ्लॉप का संतुलन हमेशा बराबर बना रहा। मगर, वर्ष 2007 के दौरान अक्षय कुमार की निरंतर चार फिल्में हिट हुईं, जिसमें नमस्ते लंडन, हे बेबी, भूल भुल्लैया और वेलकम शामिल हैं। वर्ष 2012 में अक्षय कुमार की हाउसफुल 2, राउडी राठौड़, जोकर, ओम माय गॉड और खिलाड़ी 786 जैसी फिल्में रिलीज हुईं। केवल जोकर को छोड़कर अक्षय कुमार की सभी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा व्यवसाय किया। फिर, अक्षय कुमार ने 2016 में कदम रखा, जहां अक्षय कुमार ने सौ करोड़ के क्लब में तीन बार एंट्री मारकर सबको चौंका दिया।
अभिनेता अक्षय कुमार की सबसे बड़ी फ्लॉप फिल्मों में टश्न, ब्लू, चांदनी चौक टू चाइना, वन्स अॅपन ए टाइम इन मुम्बई दोबारा, तीस मार खान, एक्शन रिप्ले, कमबख्त इश्क शामिल हैं। यह ऐसी फिल्में थी, जिनका प्रमोशन बड़े स्तर पर हुआ, जिनका बजट भी काफी बड़ा था। मगर, बॉक्स ऑफिस पर फुस्स पटाखा साबित हुईं।
एक और दिलचस्प बात अक्षय कुमार की भूलभुल्लैया और हाउसफुल 3 को फिल्म समीक्षकों ने सिरे से खारिज किया। मगर, इन दोनों फिल्मों की अपार सफलता ने एक बात साबित कर दी कि समीक्षकों से बड़े सिने प्रेमी हैं, जो सिनेमा घर में सिर्फ मनोरंजन के लिए जाते हैं। अभिनेता अक्षय कुमार ने शुरूआती दिनों के दौरान एक इंटरव्यू में कहा था, यदि फिल्म देखने के बाद कोई सिने प्रेमी कह दे। दस रुपये अपने तो वसूल हो गए। तो समझ लेना चाहिए कि आपकी फिल्म हिट है।
फिलहाल अक्षय कुमार सुभाष कपूर की फिल्म जॉली एलएलबी 2 की शूटिंग में व्यस्त हैं। उसके बाद अक्षय कुमार टॉयलेट एक प्रेम कथा की शूटिंग शुरू करेंगे। जनवरी 2017 में फिल्म क्रैक की शूटिंग शुरू होगी, जो अगस्त 2017 में रिलीज होनी है। इसके अलावा अगले साल अक्षय कुमार की रजनीकांत के साथ 2.0 रिलीज होगी, जिसमें अक्षय कुमार विलेन के रूप में नजर आएंगे।