नई दिल्ली। सिंधु घाटी सभ्यता के सबसे प्राचीन शहर ‘मोहनजोदड़ो’ के बारे में लोगों के बीच अलग-अलग धारणाएं हैं। इस विश्व धरोहर की खुदाई में मिले पुरावशेषों से इस शहर के बारे में अलग-अलग चीजें पता चलती हैं, जिन्हें निर्माता आशुतोष गोवारीकर ने अपनी आगामी फिल्म ‘मोहनजोदड़ो’ का रूप दिया है।
12 अगस्त को रिलीज होने जा रही इस फिल्म में मुख्य भूमिका में ऋतिक रोशन हैं। उन्होंने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में फिल्म और इस प्राचीन शहर के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं।
‘मोहनजोदड़ो’ के बारे में ऋतिक कहते हैं, “इस शहर के बारे में कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है। खुदाई में मिले पुरावशेषों से इस स्थान के बारे में लोगों को पता चल पाया है। खुदाई में अलग-अलग तरह की चीजें सामने आईं, जिसके आधार पर समाज में भिन्न-भिन्न धारणाएं बनीं।”
इन विभिन्न धारणाओं में से सबसे सही और सटीक धारणा का चुनाव कैसे किया गया? इस सवाल पर उन्होंने कहा, “आशुतोष ने गहन शोध और पुरातत्वविदों की मदद से इनमें से एक धारणा को चुनकर उसके आधार पर फिल्म बनाई है।”
कुछ ऐसा ही फिल्म ‘जोधा अकबर’ में भी देखने को मिला था, जब आशुतोष गोवारीकर ने इस पर फिल्म बनाने का फैसला किया था और बाद में फिल्म को विरोध का सामना करना पड़ा।
हालांकि ऋतिक कहते हैं, “अगर फिल्म देखने के बाद कोई ये बोले कि मोहनजोदड़ो में तो यह सब नहीं था और जो दिखाया गया है वो गलत है तो गलत सिद्ध करने के लिए भी तो कोई प्रमाण नहीं है।”
ऋतिक ने ‘जोधा अकबर’ के बाद दूसरी बार आशुतोष गोवारीकर के साथ काम किया है। उनके साथ काम करने के अनुभव के बारे में वह कहते हैं, “मैंने आशुतोष के साथ जोधा-अकबर में काम किया है। उस फिल्म के दौरान हम दोस्त बन रहे थे, लेकिन यह फिल्म शुरू करने से पहले ही हम दोस्त बन चुके हैं तो अब हम दोनों के बीच एक समझ बन गई है। यकीनन इस बार ज्यादा मजा आया है।”
ऋतिक इस फिल्म के रोमांस प्रसंग को इसकी यूएसपी बताते हुए कहते हैं, “आशुतोष के साथ मजेदार बात यह है कि वह रोमांस को पर्दे पर बड़ी खूबसूरती के साथ उतारते हैं। जो जादू ए.आर. रहमान संगीत के साथ करते हैं, ठीक वैसा ही जादू आशुतोष रोमांस के साथ करते हैं।”
आशुतोष की फिल्मों में रोमांस की एक खास जगह होती है। इस फिल्म में पुराने जमाने के उस चार्मिग प्यार को दिखाया गया है। ऋतिक कहते हैं, “इस फिल्म की खास बात इसका पुराने जमाने वाला रोमांस है जो आजकल की फिल्मों में देखने को नहीं मिलता। मोबाइल, स्नैपचैट और स्काइप से दूर उस जमाने में जिस धीमी गति से प्यार होता है, इसे एक बार फिर पर्दे पर देखना दिलचस्प होगा।”
ऋतिक फिल्म में अपने किरदार के बारे में बताते हुए कहते हैं, “मैं फिल्म में सरमन नाम के युवक का किरदार निभा रहा हूं, जो नील की खेती करता है और बाजार में नील बेचता है। नीला मेरा पसंदीदा रंग भी है तो इस किरदार के साथ जुड़ना आसान रहा।”
ऋतिक के बारे में अक्सर यह सुनने में आता है कि वह किसी भी फिल्म के लिए आसानी से ‘हां’ नहीं करते। यह बात छेड़ने पर ऋतिक झट से बोलते हैं, “मेरा मानना है कि फिल्म की स्क्रिप्ट ऐसी होनी चाहिए, जिसे पढ़ने के बाद आपको सोचना न पड़े। मोहनजोदड़ो की पटकथा इतनी बेहतरीन है कि मैंने इसे शुरुआत से अंत तक बिना रुके एक साथ पढ़ डाला था।”
फिल्म में एक्शन दृश्यों की भरमार हैं। इसके लिए ऋतिक ने विशेष प्रशिक्षण भी लिया है। वह कहते हैं, “फिल्म में बहुत ही रॉ एक्शन रखा गया है। एक्शन का नाम सुनते ही मेरे बॉडी में कृष और धूम के एक्शन कुलांचे मारने लगते हैं। इस फिल्म का एक्शन काफी चुनौतीपूर्ण रहा। इसकी एक वजह यह थी कि फिल्म की शूटिंग भुज में कड़क धूप में हुई है।”
अपने पिता राकेश रोशन और अन्य अभिनेताओं की तरह निर्देशन के क्षेत्र में हाथ आजमाने के बारे में ऋतिक कहते हैं, “अभी मैं खुद नहीं जानता कि निर्देशन का हुनर मुझमें है या नहीं। अभी मुझे कुछ ऐसा महसूस नहीं हुआ है, अगर भविष्य में ऐसा कुछ होता है तो जरूर उसे शिद्दत के साथ करूंगा।”
-आईएएनएस/रीतू तोमर