मुम्बई। पीरियड ड्रामा पद्मावती के आसपास विवादास्पद बहस हर दिन नीचता की एक नई कहानी लिख रही है। दीपिका की नाक को काटने की धमकी देने से लेकर राजसमंद जिले में कुंभलगढ़ किले में प्रवेश को अवरुद्ध करने तक, फिल्म निर्माता और कलाकार लगातार कुछ राजपूत संगठनों के विरोध प्रदर्शन और आपत्तिजनक व्यवहार का सामना कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों को चुप कराने के लिए, निर्माताओं ने मीडिया के लिए फिल्म को स्क्रीन करने का निर्णय लिया और राष्ट्रीय चैनलों पर भी इसकी समीक्षा की, जिसके लिए सीबीएफसी के अध्यक्ष ने अपनी निराशा व्यक्त की।
सीबीएफसी द्वारा उठाए गए विवाद और आपत्ति पर अपने विचार साझा रखते हुए, सोशल मीडिया एक्सपर्ट आर. राठौर ने कहा, “राजपूत समूह के कुछ सदस्यों के लिए फिल्म की निजी स्क्रीनिंग करने में क्या गलत है? फिल्म दिखाने का फैसला पूरी तरह से ठीक है, क्योंकि उनका मूल इरादा इस फिल्म की रिलीज़ में आने वाली सभी समस्याओं को दूर करना है। सीबीएफसी को ये काम मौजूदा परिदृश्य के प्रकाश में देखना चाहिए। इंडस्ट्री और बहार के लोग सोशल मीडिया पे जो सही है उसे सपोर्ट कर रहे है। यह देख के अच्छा लगता की वो सही और गलत में फर्क कर पा रहे है।”
मीडिया के लोगों में से एक अर्नब गोस्वामी जिन्होंने फ़िल्म देखने के बाद अपनी राय जाहिर करने के लिए चैनल का सहारा लिया। एक वीडियो में (जो अब तक के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चल रहा है), उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि एक बार जब यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर आ जाएगी, तो करनी सेना पूरी तरह मूर्खता का पुतला साबित होगी। “पद्मावती राजपूत गौरव के लिए अब तक कि सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है। उग्र विवाद के विशिष्ट संदर्भ में, इस फिल्म का हर दृश्य रानी पद्मावती की महानता के लिए एक कमाल की सिनेमाई श्रद्धांजलि है।”
उन्होंने आगे कहा, “अंतरंग सीन तो दूर की बात है, पूरी फिल्म में अलाउद्दीन और पद्मावती एक सिंगल फ्रेम भी साझा नही करते हैं। इसलिए, थियेटरों को उकसा वाले, नाक काटने की धमकी देने वाले, एसिड अटैक की धमकी देने वालों पर जनता हँसेगी। उनकी ये हरकत राजनीतिक रूप से प्रायोजित साबित हो जाएंगी”।
उन्होंने आगे कहा “मैं सचमुच सोचता हूं कि भाजपा को करनी सेना के पक्ष में शामिल होने की शर्मिंदगी पर पुनर्विचार करना चाहिए। फिल्म में एक भी दृश्य को सेंसर कैंची की जरूरत नहीं है क्योंकि संजय लीला भंसाली ने अकेले राजपूत गौरव की कहानी को सबसे बेहतर ढंग से बुना है”।
गोस्वामी ने यह भी आश्वासन दिया कि फिल्म देखने के बाद, लाखों लोगों को पता चल जाएगा कि फिल्म का हर पल राजपूत बहादुरी परंपरा के लिए समर्पित है।
एक तरफ, अरनब के एक आश्वासन वक्तव्य से प्रदर्शनकारी कुछ शांत हुए होंगे तो वहीं दूसरी तरफ राखी सावंत ने एक और वीडियो पोस्ट किया (फिल्म निर्माता के समर्थन में), जो शायद प्रदर्शनकारियों को बुरी लगी होगी ।
“मैं पद्मावती के लिए बहुत उत्साहित हूं। न केवल भारत में, देश के बाहर भी, हर किसी को इस फिल्म का समर्थन करने और देखने के लिए बाहर आना चाहिए। भंसाली ने एक खूबसूरत फिल्म बनाई है और कुछ असामाजिक समूह अनावश्यक रूप से एक उपद्रव पैदा कर रहे हैं। वे संजय लीला भंसाली, दीपिका और रणवीर को निशाना बना रहे हैं, जो गलत है”
हालांकि उनकी बात सही थी, लेकिन बयान के अंत में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा काफी आक्रामक थी। उन्होंने कहा, किसी का बाप भी पद्मावती को रिलीज होने से नही रोक सकता।
खैर, हम तो सिर्फ इंतज़ार कर सकते हैं, और देख सकते हैं कि विरोधी इस पर क्या प्रतिक्रिया देंगे।