नई दिल्ली। बॉलीवुड की महानतम फिल्मों में शामिल फिल्म शोले से जुड़ा एक रोचक तथ्य सामने आया है। इस फिल्म बनाने के लिए निर्देशक रमेश सिप्पी के पास पर्याप्त बजट नहीं था। फिल्म बनाने के लिए रमेश सिप्पी को अपने दिवंगत पिता जी.पी. सिप्पी से मदद लेनी पड़ी।
इस बात का खुलासा स्वयं फिल्मकार रमेश सिप्पी ने ‘सीआईआई बिग पिक्चर समिट 2016’ के पांचवें संस्करण के दौरान किया।
सिप्पी ने कहा, “मुझे याद है, जब दिलीप कुमार ने एक फिल्म के लिए एक लाख रुपये लिए थे। उस समय हर किसी ने यही कहा था कि फिल्म इंडस्ट्री बंद होने वाली है।”
सिप्पी ने कहा, “उस समय ‘शोले’ बनाने के लिए मेरे पास पर्याप्त बजट नहीं था। मेरे पास कुछ विचार थे, जिसे मैंने अपने पिता से साझा किए। उनकी अंतिम फिल्म ‘सीता और गीता’ थी, जिसे बनाने में 40 लाख रुपये लगे थे। यह बड़ी हिट रही थी। मैंने उनसे कहा कि मुझे फिल्म बनाने के लिए एक करोड़ रुपये चाहिए। शोले बनाने में 3 करोड़ रुपये लगे थे।”
रमेश सिप्पी ने दावा कि शोले की सफलता को लेकर उनके निकटवर्ती कई फिल्म विशेषज्ञों को संदेह था।
फिल्म बनाने में कुल तीन करोड़ रुपये लगे थे और स्टार कास्ट में मात्र 20 लाख रुपये लगे।
सिप्पी ने कहा, “आज के समय में यदि आप 150 करोड़ रुपये की फिल्म बनाते हैं तो उसमें से 100 करोड़ रुपये स्टार कास्ट में ही लग जाते हैं। आज का फिल्म निर्माण व्यवसाय एकतरफा हो गया है।”
‘शोले’ में संजीव कुमार, अमिताभ बच्चन, धर्मेद्र, हेमा मालिनी और जया बच्चन मुख्य भूमिकाओं में थे। यह बॉक्स ऑफिस पर काफी सफल रही थी और यह भारतीय सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ फिल्म मानी जाती है। -आईएएनएस