पुरस्कार राशि किसानों को देंगे घेवान और ग्रोवर

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मुंबई। पिछले साल रिलीज हुई ‘मसान’ एक बेहतरीन फिल्‍म थी। इतना ही नहीं, इस फिल्‍म की अगुआ टीम से जुड़ा हर सदस्‍य बेहतरीन है। चाहे निर्देशक नीरज घेवन हों, चाहें लेखक वरुण ग्रोवर, अभिनेता विक्‍की कौशल, अभिनेत्री ऋचा चढ्डा वगैरह वगैरह हों।

नीरज घेवन बेहतरीन निर्देशक ही नहीं, इंसान भी हैं, इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि निर्देशक घेवन ने अपनी राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार राशि महाराष्ट्र के किसानों के राहत कार्य में लगाने की घोषणा कर दी।

Neeraj Ghaywan
इतना ही नहीं, इस फिल्‍म के लेखक वरुण ग्रोवर ने भी अपनी राशि किसानों के राहत कार्य में लगाने तक की घोषणा कर दी है। वरुण ग्रोवर को फिल्म ‘दम लगा के हईशा’ के ‘मोह मोह के धागे’ के लिए सर्वश्रेष्ठ गीत का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया है।

मसान निर्देशक घेवान ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, “राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए आपकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। मैंने और ग्रोवर ने पुरस्कार राशि महाराष्ट्र के परेशान किसानों के राहत कार्य के लिए देने का फैसला किया है।”

निर्देशक ने कहा कि वे दोनों मिलकर एक लाख रुपए दान करेंगे। उन्होंने लिखा, “मैं 1.25 लाख रुपये की पुरस्कार राशि में से 50,000 रुपये दान करूंगा। मैं और वरुण साथ मिलकर एक लाख रुपये दान में देंगे।”

उन्होंने लिखा, “यह एक छोटी रकम है और इस कार्य के लिए कोई योगदान बड़ा नहीं है। लेकिन, इस मदद को सार्वजनिक करने का मेरा मकसद महाराष्ट्र में पानी और कृषि संबंधित संकट की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट करना है।”

निर्देशक नीरज घेवन को मंगलवार को आयोजित 63वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया। अपनी पहली ही फिल्म ‘मसान’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजे गए घेवन ने कहा कि उन्हें सपने में भी इस पुरस्कार की उम्मीद नहीं थी।

नीरज घेवन को ‘मसान’ के लिए ‘निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फिल्म’ का ‘इंदिरा गांधी पुरस्कार’ दिया गया है।

नीरज घेवन ने राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर कहा, “पहली ही फिल्म के लिए कान्स में दो पुरस्कार मिलना और अब यह। मैंने सपने में भी इसकी उम्मीद नहीं थी। यह बेहद स्वप्निल लग रहा है। यह पुरस्कार मेरी पूरी टीम और फिल्म के लिए सम्मान है। लेकिन मैं इन्हें ज्यादा गंभीरता से नहीं लेता, क्योंकि मैं जमीन से जुड़ा रहना चाहता हूं।”

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक की फिल्म को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खूब सराहना मिली। यह सराहना पुरस्‍कार ऐसे ही नीरज घेवन को नहीं मिला। इसके पीछे सख्‍त मेहनत लगन और आगे बढ़ने की हिम्‍मत है।

नीरज घेवन का जन्‍म हैरदाबाद में हुआ। मगर, उनका दिल आज भी बनारस में लगता है। घेवन मराठी परिवार से संबंध रखते हैं। इंजीनियरिंग की पढ़ाई और एमबीए के बाद अच्‍छी नौकरी मिल गई।

मगर, नौकरी में मन नहीं लगा, क्‍योंकि सिने जगत के प्रति प्रेम भीतर हिलौरे ले रहा था। अनुराग कश्‍यप से मुलाकात हुई और नौकरी छोड़ कर अनुराग कश्‍यप का पल्‍लू पकड़ लिया। अनुराग कश्‍यप के साथ ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ की। इस दौरान नीरज घेवन को काफी कुछ सीखने को मिला। अनुराग कश्‍यप तो चाहते थे कि नीरज घेवन उनके साथ सहायक के तौर पर आगे भी काम करे, मगर, कुछ अलग करने की चाह ने नीरज को मसान का रास्‍ता चुनने के लिए फोर्स किया।

इस दौरान नीरज घेवन के जीवन में गीतकार वरुण ग्रोवर आए। युगलबंदी ने मिल जुलकर मसान जैसी फिल्‍म की पटकथा को अंतिम रूप दिया। अनुराग कश्‍यप ने अपने शिष्‍य का साथ देते हुए फिल्‍म में निर्माता की भूमिका अदा की। हालांकि, फिल्‍म निर्माताओं में गुनीत मोंगा और मनीष मुंद्रा भी हैं।