फिल्म निर्देशक अश्वनी धीर द्वारा निर्देशित फिल्म गेस्ट इन लंदन उनकी 2010 में आई फिल्म अतिथि तुम कब जाओगे? का न तो सीक्वल है और नाहीं प्रीक्वल, बिलकुल नयी कहानी है। लेकिन, फिल्म गेस्ट इन लंदन को उसी फार्मूले के साथ तैयार किया गया है, जिस फार्मूले पर अतिथि तुम कब जाओगे? बनायी थी।
फिल्म गेस्ट इन लंदन की कहानी शुरू होती लंदन के शानदार मनमोहक नजारे से। कार्तिक आर्यन, जो फिल्म में लीड भूमिका निभा रहे हैं, को एक अतिथि के आने का समाचार प्राप्त होता है। इस समाचार को सुनकर कार्तिक के ऑफिस वालों के होश उड़ जाते हैं। ऐसा क्यों होता है? बताने के लिए कहानी कुछ साल पीछे की ओर जाती है, जब अतिथि पहली बार लंदन कार्तिक के घर पधारे थे। तब आर्यन लंदन में पीआर के लिए कृति खरबंदा से झूठी मूठी की शादी करने की योजना बना रहा होता है।
अतिथि के आने से कार्तिक और कृति के जीवन में उथल पुथल मच जाती है, जैसा अतिथि तुम कब जाओगे? में होता है। लेकिन, अतिथि तो अतिथि है, जो घरवालों को ही नहीं, बल्कि आस पड़ोस के लोगों को भी अपना दीवाना बना लेता है। ऐसे में भी अतिथि को लंबे समय तक झेलना आसान नहीं होता। अंत वो दिन भी आता है, जब कृति और कार्तिक अतिथि को बीच रास्ते में छोड़कर आने की योजना को सफलतापूर्वक उसके अंजाम तक पहुंचा देते हैं।
लेकिन, इस बीच अचानक कार्तिक के खाते में काफी बड़ी रकम जमा हो जाती है और हैरान कार्तिक इस बारे में पता करने निकलता है तो उसको अतिथि के बारे में सनसनीखेज बात पता चलती है।
यहां पर कहानी एकदम नयी और दमदार हो जाती है। हल्के फुल्के हंसी मजाक के साथ आगे बढ़ती कहानी को अश्वनी धीर यहां पर पूरी तरह करण जौहर की भावनात्मक फिल्म में बदल देते हैं। आपकी आंख से भी तन्वी आजमी की तरह आंसू बहने लगते हैं।
कृति खरबंदा और कार्तिक आर्यन दोनों नवोदित कलाकार हैं। इस आधार पर उनका अभिनय सराहनीय कहा जा सकता है। हालांकि, अजय देवगन और कोंकणा सेनशर्मा की बराबरी करने में असफल रहे हैं। परेश रावल और तन्वी आजमी ने अपने अपने किरदारों के साथ पूरा पूरा न्याय किया है। पाकिस्तानी पड़ोसी के किरदार में संजय मिश्रा का अभिनय प्रभावित करता है।
फिल्म गेस्ट इन लंदन का संगीत पंजाबियों (बड़े पर्दे वाले) की तरह काफी शोर शराबे वाला है, जो मूड की ऐसी तैसी करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ता। लेकिन, पाद पर कविता और फिल्म के अंतिम चरण में बैकग्राउंड में चल रहा गीत कानों को सुकून देता है।
सिनेमेटोग्राफी काफी शानदार है। लोकेशन को खूबसूरत तरीके से फिल्माया गया है। बैकग्राउंड कलर कॉम्बिनेशन आंखों को लुभावने वाला है। यदि आप फैशन या इंटीरियर डिजाइनर हैं, तो आपके लिए गेस्ट इन लंदन के शादी वाले सीन काफी महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
फिल्म में जहां एहसास के रिश्ते दिखाए गए हैं, वहीं फिल्म रिश्तों में एहसास जगाती है। कृति और कार्तिक का ब्याह, कार्तिक का नशे में धुत्त होकर बैडरूम में आना, लंदन ब्रिज के पास कृति का मां बाप को लेकर फीलिंग शेयर करना, कार्तिक के पड़ोसी का देहांत, बॉस से कार्तिक की लड़ाई, एक रेस्तरां पर कार्तिक का परेश रावल और तन्वी आज्मी को छोड़कर आना जैसे कई ऐसे सीन हैं, जो रिश्तों का एहसास करवाते हैं।
यदि आपको अतिथि तुम कब जाओगे? पसंद आई थी। यदि आप हल्के फुल्के हंसी मजाक वाली फिल्म देखना पसंद करते हैं। यदि लंबे समय से आप एक पारिवारिक फिल्म को तरस रहे हैं, तो गेस्ट इन लंदन एक अच्छी डील है। झपट लो।
इसके अलावा यदि आप अजय देवगन और शरद केलकर के दीवाने हैं, तो उनकी हल्की सी झलक देखने के लिए भी गेस्ट इन लंदन की टिकट खरीद सकते हैं क्योंकि दोनों कलाकार छोटी सी भूमिका में भी प्रभावित करते हैं।
एक बात और, यदि आप पाकिस्तानियों से नरफत करने वाले भारतीय हैं, और आपको पाकिस्तानियों की खिल्ली उड़ाने में मजा आता है, तो गेस्ट इन लंदन आपके लिए मजेदार फिल्म है।
– कुलवंत हैप्पी