वर्जिन भानुप्रिया एक ऐसी लड़की की कहानी है, जो अपना कौमार्य खोने के लिए बेकरार है और अपना कुंवारापन गंवाने के लिए अथक प्रयास भी करती है।
कहानी कुछ यूं है –
भानुप्रिया अवस्थी कॉलेज में पढ़ने वाली होनहार छात्रा है। पर, इश्क मुश्क और रोमांस के मामले में अनलकी है। भानुप्रिया के माता पिता अलग अलग रहते हैं। भानुप्रिया अपने पिता के साथ रहती है। भानुप्रिया की एक सहेली रकुल है, जिसके लिए सेक्स करना सामान्य जीवन की गतिविधि है। रकुल, भानुप्रिया को सेक्स करने के लिए उकसाती रहती है। पर, भानुप्रिया हर बार चूक जाती है।
इसी बीच इधर, भानुप्रिया को योनि त्रुटि योग होने की जानकारी मिलती है और उधर उसके जीवन में एक सड़कछाप शर्तिया का प्रवेश होता है। शर्तिया पर भानुप्रिया का दिल आ जाता है। भानुप्रिया शर्तिया को अपने घर पर बुलाती है। इस दौरान कुछ ऐसा घटित होता है कि शर्तिया और भानुप्रिया में तकरार हो जाती है। भानुप्रिया शर्तिया से नाराज हो जाती है।
इसी घटनाक्रम के बीच रकुल असुरक्षित शारीरिक संबंधों के कारण पेट से हो जाती है, जो गर्भपात करवाने के लिए भानुप्रिया को लेकर गोवा रवाना होती है। गोवा जाने के लिए भानुप्रिया न चाहते हुए तोतले आशिक राजीव की मदद लेती है। पर, गोवा में डॉक्टर गर्भपात के लिए रकुल के बच्चे के पिता की सहमति मांगते हैं, और रकुल को पता नहीं कि बच्चे का असल में पिता कौन है।
इस बीच भानुप्रिया के माता पिता बेटी के लापता होने की पुलिस शिकायत दर्ज करवाते हैं। पुलिस और परिजन भानुप्रिया को खोजने निकलते हैं। शर्तिया भी अपने दोस्तों के साथ भानुप्रिया से माफी मांगने के लिए गोवा रवाना होता है। उधर, गोवा में भानुप्रिया तोतले आशिक राजीव के साथ ही शारीरिक संबंध बनाने और रोमांस करने का मूड बना लेती है।
क्या गोवा में रकुल अपना गर्भपात करवा पाएगी? क्या वर्जिन भानुप्रिया अपने प्रयास में सफल होगी? जानने के लिए वर्जिन भानुप्रिया देखिए।
निर्देशन से तकनीक तक –
अजय लोहान ने कलाकारों से बेहतरीन काम लिया है। फिल्म के संवादों पर अच्छा काम हुआ है। लेकिन, फिल्म की पटकथा में काफी झोल हैं। चुस्त संपादन की जरूरत खलती है। कहानी अंत तक अपना मकसद स्पष्ट करने में असफल रहती है। फिल्म का कैमरा वर्क अच्छा है, पर, गीत संगीत निराश करता है।
बात कलाकारों की –
उर्वशी रौतेला का सौंदर्य और अभिनय दोनों भानुप्रिया के किरदार में जान डालते हैं। शर्तिया के किरदार में गौतम गुलाटी का अभिनय भी शानदार है। हालांकि, रंगीला के आमिर खान की याद दिलाता है। भानुप्रिया के माता पिता के किरदार में अर्चना पूरन सिंह और राजीव गुप्ता का अभिनय भी सराहनीय है। भानुप्रिया की खास सहेली रकुल के किरदार में रुमाना मोला जंचती हैं। सुमित गुलाटी ने भी अपना किरदार बेहतर निभाया है।
कुछ और बातें –
सेनेटरी पैड को लेकर पिता बेटी के बीच का संवाद और गर्भवती रकुल का नजरिया दोनों फिल्म में अहम स्थान रखते हैं। एक अलग नजरिये को पेश करने की कोशिश करते हैं।
यदि आप फ्री हैं और यौन संबंधों का अनुभव करने के लिए बेकरार लड़की की खींचतान भरी जिंदगी में ताक झांक करना चाहते हैं, तो आप वर्जिन भानुप्रिया देख सकते हैं। फिल्म वर्जिन भानुप्रिया एक नवीनतम कहानी और कई परतों तले दबी सामाजिक समस्या को सामने लाती है।