तमिलनाडू की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के जीवन से प्रेरित क्वीन का पहला एपिसोड the breach है, जिसका अर्थ होता है – उल्लंघन, दरार, भंजन, विच्छेद और अतिक्रमण। द ब्रीच में शक्ति शेषाद्री की किशोर अवस्था को कैद किया गया है, जहां पर उपरोक्त लिखा हुआ एक एक शब्द प्रकट होता है। मां बेटी के बीच मतभेदों की दरार साफ दिखाई पड़ती है। बेटी के सपनों पर मजबूर मां का अतिक्रमण। अपने ख्वाबों और दोस्तों से विच्छेद। बाहर से सब कुछ ठीक अंदर भंजन।
शक्ति एक होनहार छात्रा है और वकील बनने का सपना देखती है। किशोर अवस्था से ही लीडरशिप क्वालिटी झलकती है। अनुशासन को लेकर सख्त मिजाज शक्ति वैसे काफी खुशमिजाज की लड़की है। मां, भाई और नानी के साथ एक छोटे से घर में जीवन बसर करने वाली शक्ति आसमान में उड़ना चाहती है, लेकिन, गरीबी की बेड़ियां उसको इसकी इजाजत नहीं देती हैं।
स्कूल में ही नहीं बल्कि राज्य में टॉप करने वाली शक्ति शेषाद्री को उसकी मां एक दिन बीच के किनारे में घुमाने लेकर जाती है, क्योंकि शक्ति शेषाद्री ने पेपरों में अच्छे अंक हासिल किए हैं। लेकिन, बीच पर कुछ ऐसा होता है कि शक्ति शेषाद्री की सारी खुशी और उल्लास पल भर में छू मंत्र हो जाता है और शक्ति अपनी मां के पास से यह कहते हुए उठ खड़ी होती है, ‘हम दोनों पर मां बेटी का ड्रामा जंचता नहीं।’
अधेड़ उम्र की शक्ति शेषाद्री के किरदार में बाहुबली फेम राम्या कृष्णन काफी प्रभाशाली लगती हैं। इंटरव्यू के दौरान लंबा सांस लेने और खुद को सहज करने के दौरान राम्या कृष्णन की शारीरिक भाषा उम्दा है। इंटरव्यू के दौरान राम्या कृष्णन के हावभाव काफी प्रभाव छोड़ते हैं। क्वीन की कहानी दरअसल फ्लैशबैक के साथ आगे बढ़ती है। सफल और सशक्त शख्सियत बन शक्ति शेषाद्री सवालों के जवाब देते हुए अपने बीते हुए कल में उतरती है।
किशोरी शक्ति शेषाद्री का किरदार निभाने वाली अनीखा की बोलती, स्वप्नदर्शी आंखें और क्यूट स्माइल दर्शकों को स्क्रीन के साथ चस्पा रखने में सशक्त है। शक्ति शेषाद्री की मां सोनिया अग्रवाल का अभिनय उम्दा और गेटअप भी काफी आकर्षक है, जो एकल मां और संघर्षरत कलाकार है।
गौतम वासुदेव मैनन और प्रसाद मुरुगेसन निर्देशित क्वीन तमिल, बांग्ला और हिंदी में रिलीज हुई है, इसके हिंदी संस्करण के संवाद काफी बेहतरीन तरीके से लिखे गए हैं। इसका अनुवाद टेलीविजन पर प्रसारित होने वाली दक्षिण भारतीय फिल्मों जैसा तो बिल्कुल नहीं।
जे जयललिता से प्रेरित वेब सीरीज क्वीन आगे चलकर कितनी बेहतरीन होगी, यह तो अन्य एपिसोड देखने के बाद ही पता चलेगाा, लेकिन, इसका पहला एपिसोड और इंटरव्यू के दौरान शक्ति शेषाद्री का संवाद ‘कोई जन्म से बहादुर नहीं होता’ उम्मीद बांधता है। क्वीन के पहले एपिसोड द ब्रीच का निर्देशन और फिल्मांकन दोनों ही उम्दा हैं।