मुम्बई। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मकार प्रकाश झा ने शनिवार कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नाल्सा) के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए ‘एक मुट्ठी आसमां’ गाने का निर्माण किया है। फिल्मकार का कहना है कि इस गीत को निर्मित करने के पीछे का लक्ष्य भारतीय न्यायपालिका के ‘सभी के लिए न्याय’ पर लोगों के विश्वास को फिर से कायम करना है।
‘प्रकाश झा प्रोडक्शन्स’ में बने इस गीत के बोल हैं- ‘एक मुट्ठी आसमां पर हक हमारा भी तो है, अपने इस हिंदुस्तां पर हक हमारा भी तो है।’ इसकी शूटिंग भारत के 20 से अधिक राज्यों में की गई है, जिसमें कश्मीर, सिक्किम, राजस्थान, केरल, गुजरात, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और झारखंड में हुई हैं।
इस गीत की आधिकारिक घोषणा यहां शनिवार को की गई और इसे सात अक्टूबर को जारी किया जाएगा।
झा ने इस गीत के निर्माण के पीछे के विचार का श्रेय भारत के प्रधान न्यायाधीश टी.एस.ठाकुर को दिया।
फिल्मकार ने फोन पर आईएएनएस को बताया, “इस गीत का विचार मुख्य न्यायाधीश ठाकुर का था और उन्होंने ही इस बारे में बात की थी। यहां तक कि मुझे भी इस प्रकार के प्रावधान के बारे में जानकारी नहीं थी, जिसमें एक गरीब और जरूरतमंद लोगों के पास न केवल तालुका, बल्कि जिला तालुका, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय से संपर्क करने का अधिकार है।”
इस गीत के बोल मनोज मुंताशिर ने लिखे हैं और इसका संगीत सलीम-सुलेमान ने तैयार किया है और इसे सोनू निगम ने आवाज दी है।
इस गीत के बाद नौ नवम्बर को 30 मिनट का एक वृतचित्र भी रिलीज किया जाएगा, जिसमें 15 लघु कहानियां दर्शाई जाएंगी। इसमें दिखाया गया है कि किस प्रकार नाल्सा समाज के कमजोर क्षेत्र को न्याय दिलाने में मुख्य भूमिका निभाता है।
नाल्सा को समाज के कमजोर वर्गो को मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान कराने हेतु 1987 में विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के तहत गठित किया गया। -आईएएनएस