Home Latest News इत्तेफाक से मिला था म्यूजिक एलबम में ब्रेक, अब फिल्म करने जा रही हैं चांदनी सिंह

इत्तेफाक से मिला था म्यूजिक एलबम में ब्रेक, अब फिल्म करने जा रही हैं चांदनी सिंह

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इत्तेफाक से मिला था म्यूजिक एलबम में ब्रेक, अब फिल्म करने जा रही हैं चांदनी सिंह

मुम्बई। भोजपुरी एलबम ‘डोली में गोली मारदेब’, ‘चोंए चोंए’ और ‘पियवा से पहले हमारा रहलू’ से चर्चा में आने वाली अभिनेत्री चांदनी सिंह अब भोजपुरिया पर्दे पर दस्‍तक देने को तैयार हैं।

उत्तर प्रदेश के जौनपुर की रहने वाली चांदनी सिंह को अभी हाल ही में निर्माता निर्देशक अरविन्द चौबे ने अपनी फिल्म ‘मैं नागिन तू सपेरा’ में भोजपुरी सुपरस्‍टार अरविन्द अकेला कल्लू के अपोजिट लीड एक्‍ट्रेस साइन किया है।

इस बारे में बात करते हुए चांदनी ने कहा,’अभी तक भोजपुरिया दर्शकों ने मुझे एलबम में पसंद किया है, उम्‍मीद है कि फिल्‍मों में भी मेरे काम को पसंद किया जाएगा। मैंने अपनी फिल्म के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।’

गौरतलब है कि चांदनी सिंह का भोजपुरी इंडस्‍ट्री में आना एक इत्तेफाक ही था। दरअसल, चांदनी जौनपुर से पटना किसी काम के सिलसिले में आईं थी। इस दौरान उनको एक शूटिंग स्थल पर जाने का मौका मिला, जहां पर आदि शक्ति म्‍यूजिक कंपनी के एक प्रोजेक्ट की शूटिंग चल रही थी। यहां पर चांदनी की मुलाकात आदि शक्ति के मनोज से हुई।

चांदनी के मुताबिक, जब मनोज ने उनसे अभिनय करने के बारे में पूछा तो उनके साथ मौजूद उनकी सहेलियों ने आव देखा न ताव देखा झट से हां बोल दी।

चांदनी की पहली एलबम सुपरस्‍टार खेसारीलाल यादव के साथ ‘डोली में गोली मारदेब’ आयी, जो आते ही सुपर डुपर हिट हो गई। उसके बाद ‘चोंए चोंए’ और ‘पियवा से पहले हमारा रहलू’ भी काफी पसंद की गई।

चांदनी कहती हैं, ‘मैं बहुत खुशनसीब हूं कि मुझे इस जगत में अधिक संघर्ष करना नहीं पड़ा है।’

अपने आगामी फिल्म के बारे में बात करते हुए चांदनी कहती हैं, ‘फिल्म ‘मैं नागिन तू सपेरा’ मेरे लिए काफी खास है। इस फिल्‍म के निर्देशक अरविन्द चौबे बहुत ही अच्छे और सुलझे हुए इंसान हैं। उनके साथ काम करने में मजा आयेगा और काफी कुछ सीखने को भी मिलेगा। वे बहुत ही प्रेम से समझाते हैं। मुझे बिल्कुल नहीं लग रहा है कि मेरी ये पहली फिल्म है।’

फिल्‍म इंडस्‍ट्री में आने को लेकर घरवालों की रजामंदी के सवाल पर चांदनी ने कहा, ‘शुरू में तो हर किसी ने विरोध किया था, मगर अब किसी को इस बात से परेशानी नहीं है। सच कहूं तो मेरे परिजनों से ज्यादा तो मेरे रिश्तेदारों और पड़ोसियों को दिक्‍कत थी। यह भी बात है कि मैंने ऐसा कुछ नहीं किया, जिससे मेरे परिवार का नाम ख़राब हो। मैं खुश हूं कि मेरे दोस्त, परिचित और मेरे माता पिता भी मेरे काम की सराहना करते हैं।’