टेलीविजन अभिनेत्री स्नेहा बाघ, जो धारावाहिक ज्योति में लीड भूमिका निभा रही हैं, के मुताबिक, ‘कलाकारों को अपने जीवन में अलग अलग तरह के किरदार निभाने पड़ते हैं। कुछ कलाकारों के लिए कैमरे के सामने एक किरदार से दूसरे किरदार में जाना बहुत आसान होता है और कुछ कलाकार शूटिंग के दौरान अपने किरदारों में गहरा गोता लगाते हैं। ऐसे मामलों में, सकारात्मक किरदार कलाकार के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक किरदार कलाकार के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।’
खूबसूरत अभिनेत्री स्नेहा बाघ आगे कहती हैं, ‘यकीनन, मैं एक कलाकार के रूप में विकसित हुई हूं क्योंकि शुरूआती दिनों में समझ कम थी, लेकिन, अब मैं सोचती हूं कि मैं अपने किरदारों के साथ चस्पा जाती हूं जो मैं करती हूं। प्रारंभ में, आप एक कलाकार के रूप में भावनाओं में बह जाते हैं, जो कई बार अच्छा हो सकता है, लेकिन यह आपको निश्चित तरीके से परेशान भी करता है। मुझे याद है कि मैं उदासी भरा किरदार निभा रही थी, लगभग 2-3 महीनों तक मैंने अपने असल जीवन में आस पास के लोगों के साथ बात तक करना बंद कर दिया था। बाद में मुझे एहसास हुआ कि मुझे असल जीवन में ऐसा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने के लिए मैंने कुछ तरीके सीखने शुरू किए।’
स्नेहा बाघ कहती हैं, ‘मैंने अपने पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन में फर्क करना शुरू किया, ताकि मनोवैज्ञानिक संघर्ष से बचा जा सके। मुझे काफी मेहनत करनी पड़ी कि कैसे मैं अपने किरदारों को खुद पर हावी ना होने दूं। कभी-कभी आपके कुछ किरदार भटका देते हैं और आप असल ज़िन्दगी में भी अभिनय करने लगते हैं। एक कलाकार के लिए ये सबसे बड़ी चुनौती होती है।’
ज्योति की कहानी एक ऐसी महिला के बारे में है, जो अपने सपनों को त्याग करके अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने लगती है।
अनिल बेदाग