मुंबई। सर्वोच्च न्यायालय ने ‘बालिका वधु’ से मशहूर हुई अभिनेत्री और अपनी प्रेमिका प्रत्यूषा बनर्जी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी राहुल राज सिंह की जमानत की पुष्टि कर दी है।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जमानत रद्द करने से इनकार करने से मिली राहत के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, “मैं जानता था कि मैं बेकसूर हूं। मैं चाहता था कि सच अपने आप बाहर आए। जो लोग प्रत्यूषा के साथ मेरे रिश्ते के बारे में जानते तक नहीं, उन्होंने मुझ पर निशाना साधा। मैं इसलिए चुप रहा क्योंकि अगर मैं विरोध करता तो यह खुद को बचाने की कोशिश लगता।”
उन्होंने कहा, “काम्या पंजाबी खुद को प्रत्यूषा की दोस्त कहती हैं। अगर प्रत्यूषा के फोन का पिछले साल का कॉल विवरण निकाला जाए तो उसमें उनके केवल एक या दो कॉल ही होंगे।”
उन पर धोखा देने का आरोप लगाने वाली लड़कियों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, “मैं नहीं जानता वे कौन हैं। वे पांच वर्षो से कहां थीं, क्योंकि तभी शायद मैंंने उन्हें धोखा दिया होगा।”
इस पूरे मामले के बारे में उन्हें क्या कहना है? इस सवाल पर राहुल राज ने कहा, “आत्महत्या करना बुजदिली है। मैं नरक के दौर से गुजरा हूं। मुझे प्रत्यूषा के लिए दुख मनाने का मौका भी नहीं दिया गया। मुझे इस पूरे दौर में बकवास झेलनी पड़ी और साथ ही एक नौ वर्षीय बेटा होने की खबर भी, जो कभी था ही नहीं। मुझे काम्या से ही यह पूछना है कि वह बेटा कहां से आया। मुझे उसके बारे में कुछ भी पता नहीं है।”
प्रत्यूषा के अवसाद ग्रस्त होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “आर्थिक परेशानियों के कारण ही वह अवसाद ग्रस्त हुई थीं। उसने बेहद छोटी उम्र में ही पांच-छह करोड़ रुपये कमा लिए थे। उसे अपने पैसों का प्रबंधन करना नहीं आता था, इसलिए उसने अपनी कमाई अपने मां-बाप को सौंप दी थी। जब उसने अपनी मेहनत की कमाई के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि उनके पास कुछ नहीं है।”
राहुल ने कहा, “उसे लाखों रुपये का ऋण चुकाना था। सारा ऋण उसके नाम पर था, उसके मां-बाप के नाम पर नहीं।”
राहुल ने कहा, “कानून के मुताबिक, मां-बाप को ऋण चुकाना चाहिए। जब वे मुझे सर्वोच्च न्यायालय में घसीट सकते हैं तो मुझे पूरा भरोसा है कि उनके पास ऋण चुकाने के लिए भी पैसा है।”
उन्होंने कहा, “जो भी हुआ उसके बावजूद मुझे मुंबई से प्यार है। प्रत्यूषा की मौत के बाद मैं एक बार भी अपने गृहनगर रांची नहीं गया। मैं नहीं चाहता कि लोग कहें कि मैं भाग गया हूं। पुलिस ने पिछले दो महीने से मेरा घर सील किया हुआ है और मैं अपने पिता के साथ होटल में रह रहा हूं। पुलिस ने मेरा घर सील करने का कोई कारण भी नहीं बताया और आम धारणा के विपरीत, वह प्रत्यूषा का घर नहीं है, मेरा घर है।”
उन्होंने कहा, “मैने उसे ऐसा गंभीर कदम उठाने के लिए नहीं उकसाया। मुझे उसकी मौत से केवल तीन महीने पहले ही उसकी आर्थिक परेशानी के बारे में पता चला था।”
-आईएएनएस/सुभाष के. झा